वित्त वर्ष 2018-19 में Jet Airways का घाटा और बढ़कर 5,536 करोड़ हुआ, इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया से गुजर रही है कंपनी
रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में एयरलाइन की कुल आय एक साल पहले की 23958.37 करोड़ की तुलना में घटकर 23314.11 करोड़ रुपये रही थी PC Pixabay
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज (Jet Airways) का घाटा मार्च 2019 को पूरे हुए वित्त वर्ष में और बढ़ोत्तरी के साथ 5,535.75 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी को यह घाटा मुख्य रूप से खर्चों में बढ़ोत्तरी के चलते हुआ है। इस एयरलाइन ने पिछले साल अप्रैल में अपना संचालन बंद कर दिया था। कंपनी को वित्त वर्ष 2017-18 में 766.13 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। ये आंकड़े स्टैंडअलोन विस्तृत घाटे के आंकड़े हैं। एयरलाइन के लिए दो रिजॉल्यूशन प्लान्स आ चुके हैं और इन दोनों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में एयरलाइन की कुल आय एक साल पहले की 23,958.37 करोड़ की तुलना में घटकर 23,314.11 करोड़ रुपये रही थी। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी के कुल खर्चे बढ़कर 28,141.61 करोड़ पर आ गए। खर्चों में वृद्धि मुख्य रूप से ईंधन के महंगे होने के चलते हुई। पिछले साल 18 अप्रैल को संचालन बंद होने के बाद एयरलाइन जून 2019 में कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रक्रिया (CIRP) के अंदर चली गई थी। वित्तीय स्टेटमेंट्स जेट एयरवेज रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल द्वारा हस्ताक्षरित हैं।
यहां बता दें कि सभी निदेशकों, सीईओ, सीएफओ और कंपनी सचिव ने कंपनी के सीआईआरपी में जाने से पहले अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। रिजॉल्यूशन प्लान्स के जमा होने की आखिरी तारीख 21 जुलाई है। बुधवार को एयरलाइन का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर करीब पांच फीसद की गिरावट के साथ 29.10 पर बंद हुआ है।