जेट की मदद की गुहार के बीच साझेदार एतिहाद को 128 करोड़ डॉलर का घाटा
नकदी नहीं होने की वजह से जेट एयरवेज अभी तक कुल 37 विमानों को सेवा से हटा चुकी है। कंपनी के पास कुल 119 विमानों का बेड़ा है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। गंभीर नकदी संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज की साझेदार कंपनी एतिहाद को भारी घाटा हुआ है। लागत कटौती के कई उपाय किए जाने के बावजूद अबू धाबी की इस विमानन कंपनी को 2018 में 1.28 अरब डॉलर का घाटा हुआ है। हालांकि, यह 2017 में हुए 1.58 अरब डॉलर के घाटे से कम है।
लगातार तीसरे साल कंपनी को घाटा उठाना पड़ा है। 2016 में एतिहाद को 4.67 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था।
एतिहाद को वैसे समय में घाटा हुआ है, जब उसकी साझेदार कंपनी जेट एयरवेज उससे मदद की गुहार लगा चुकी है। हाल ही में जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल ने ''बेहद खतरनाक स्थिति'' का हवाला देते हुए एतिहाद के सीईओ को चिट्ठी लिखकर 750 करोड़ रुपये की तत्काल मदद दिए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर एतिहाद की तरफ से उन्हें यह मदद नहीं मिलती है, तो जेट के ''बंद'' होने की नौबत आ सकती है।
जेट एयरवेज में एतिहाद की 24 फीसद हिस्सेदारी है।
2018 में ईंधन की ऊंची कीमतों की वजह से कंपनी के राजस्व में करीब 4 फीसद की गिरावट आई है। 2017 में कंपनी ने स्थिति सुधार के लिए पांच साल की योजना बनाई थी, जिसके तहत टोनी डगलस को कंपनी का सीईओ बनाया गया था।
एतिहाद ने कहा है कि उसने 2018 में 41.6 करोड़ डॉलर की लागत कटौती की है। एतिहाद 2016 के बाद से ही अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है। कंपनी ने कई अन्य विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद रखी है, जिसका लाभ उसे नहीं मिल रहा है। भारत में उसने जेट एयरवेज में हिस्सेदारी ले रखी है।
नकदी नहीं होने की वजह से जेट एयरवेज अभी तक कुल 37 विमानों को सेवा से हटा चुकी है। कंपनी के पास कुल 119 विमानों का बेड़ा है।
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