जेट एयरवेज का बढ़ा संकट, पायलटों ने दी हड़ताल की धमकी-DGCA ने दिया दखल
वर्तमान में जेट सिर्फ 41 विमानों का परिचालन कर रहा है जो कि मूल बेड़े का सिर्फ एक तिहाई है। विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक बयान में कहा कि जेट की वर्तमान स्थिति काफी खराब है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। भारत में जेट एयरवेज का संकट और ज्यादा बढ़ गया है, जिसके बाद सरकार ने मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई। नाराज यात्रियों ने रिफंड की मांग की और पायलटों ने वेतन नहीं दिए जाने को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने अधिकारियों से नकदी की तंगी में खड़े हुए विमानों, अग्रिम बुकिंग, रद्दीकरण, रिफंड और किसी भी संभावित सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाने के लिए कहा। एक बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज से परेशान जेट बाजार में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है।
जेट ने बैंकों, आपूर्तिकर्ताओं, पायलटों और जगह के किराए के भुगतान में देरी की है, जिनमें से कुछ ने एयरलाइन के साथ अपने विमान खड़े करने के सौदों को रद्द करना शुरू कर दिया है। विमानों के खड़े होने की वजह से जेट सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के लिए मजबूर हुआ है। कई बार अंतिम समय में यात्रियों को ऐसे ही छोड़ दिया गया, जिसके बाद कई लोगों ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज भी उठाई।
वर्तमान में जेट सिर्फ 41 विमानों का परिचालन कर रहा है, जो कि मूल बेड़े का सिर्फ एक तिहाई है। विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बयान में कहा कि जेट की वर्तमान स्थिति काफी खराब है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कई गुस्साए यात्रियों को मंगलवार को मुंबई में जेट के कार्यालयों में कैंसिल फ्लाइट्स के लिए रिफंड की मांग करते हुए देखा गया था।
वहीं, एयरलाइन के पायलट संघ ने यह भी कहा है कि अगर जेट 31 मार्च तक बचाव की कई योजना पेश नहीं करते हैं, तो वह एक अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे।
एक पायलट ने टीवी समाचार चैनल को बताया, "बात अभी सैलरी की नहीं है, यह इस बारे में है कि हम आगे कैसे टिकने वाले हैं।"
जेट एयरवेज संकट से निकलने के लिए एसबीआई समेत अन्य बैंकों से बातचीत कर रही है, जिसमें उसकी सबसे बड़ी साझेदार एतिहाद एयरवेज भी शामिल है।
डीजीसीए ने कहा कि वर्तमान में जेट एक सप्ताह में केवल 985 उड़ानें या एक दिन में 140 उड़ानें संचालित कर रहा है। वहीं, पिछले साल 2018 में एक दिन में औसतन 650 उड़ानें संचालित हुआ करती थीं।
नियामक ने यह भी कहा कि जेट के पायलट, केबिन क्रू और ग्राउंड स्टाफ, जिन्होंने किसी भी तरह के तनाव की जानकारी दी है, उन्हें ड्यूटी पर नहीं रखा जाए। इसके साथ ही एयरलाइन को अपने विमानों का नियमित रखरखाव करना चाहिए, चाहे उन्हें परिचालन से हटा ही क्यों न लिया गया हो।
प्रभु ने मंगलवार को एक अलग बयान में अधिकारियों से जेट की स्थिति पर लगातार नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि लोगों के हित और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।