जेट की मदद के लिए बैंक तैयार, लेकिन नरेश गोयल और एतिहाद को हिस्सेदारी रखनी होगी गिरवी
जेट एयरवेज में कंपनी के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार की करीब 52 फीसद हिस्सेदारी है जबकि रणनीतिक साझेदार और अबू धाबी की कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है।
नई दिल्ली (एजेंसी/बिजनेस डेस्क)। नकदी संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज को बैंकों से मदद मिल सकती है, हालांकि इसके लिए कंपनी के प्रोमोटर नरेश गोयल और सबसे बड़ी शेयरहोल्डर एतिहाद एयरवेज को अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखनी पड़ सकती है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। सूत्रों के मुताबिक जेट एयरवेज किसी अन्य रास्ते से फंडिंग जुटाने में विफल रही है, जिसके बाद उसके पास सीमित विकल्प ही बचते हैं।
नकदी संकट की वजह से जेट कर्ज चुकाने में नाकाम रही है। इसके साथ ही वह पायलटों और अन्य वेंडर्स का बकाया नहीं चुका पाई है, जिसकी वजह से उसे अपने 40 से अधिक विमानों को ऑपरेशन से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
जेट एयरवेज में कंपनी के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार की करीब 52 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि रणनीतिक साझेदार और अबू धाबी की कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है।
सूत्रों के मुताबिक अगर गोयल और एतिहाद अपने शेयरों को सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रखते हैं तो बैंक उन्हें आगे भी लोन दे सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों का समूह जेट एयरवेज के लिए समाधान योजना पर काम कर रहा है। जेट पर करीब 8,200 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी को संकट के उबारने के लिए गोयल अपनी हिस्सेदारी को कम कर 22 फीसद करने के लिए तैयार हैं।
पिछले हफ्ते एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी एक या दो हफ्तों के भीतर समाधान निकलने की उम्मीद जताई थी।
14 फरवरी को जेट एयरवेज का बोर्ड बैंकों की तरफ से पेश किए गए समाधान योजना को मंजूरी दे चुका है। मंगलवार को जेट का शेयर 3.35 फीसद की गिरावट के साथ 229.05 रुपये पर बंद हुआ।