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जापानी कंपनियां चीन से निकलने का बना रही हैं प्‍लान, भारत के राज्‍यों में उन्‍हें अपने यहां लाने को लेकर होड़

चीन से दूरी बनाने वाली जापानी कंपनियों को अपने यहां लाने के लिए भारतीय राज्यों में होड़ मच गई है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 07:01 PM (IST)
जापानी कंपनियां चीन से निकलने का बना रही हैं प्‍लान, भारत के राज्‍यों में उन्‍हें अपने यहां लाने को लेकर होड़
जापानी कंपनियां चीन से निकलने का बना रही हैं प्‍लान, भारत के राज्‍यों में उन्‍हें अपने यहां लाने को लेकर होड़

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन से दूरी बनाने वाली जापानी कंपनियों को अपने यहां लाने के लिए भारतीय राज्यों में होड़ मच गई है। कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी में चीन की भूमिका और उसके रवैये के बाद जापान सरकार ने चीन में काम कर रही अपनी कंपनियों को वहां से शिफ्ट करने के लिए कहा है। उन्हें वापस जापान लौट जाने की सूरत में सरकार ने उनकी मदद के लिए 200 करोड़ डॉलर यानी करीब 15,000 करोड़ रुपये का फंड रखा है। 

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चीन से बाहर किसी अन्य देश में जाकर उत्पादन करने पर इन जापानी कंपनियों को 21.5 करोड़ डॉलर की मदद का प्रस्ताव रखा गया है। भारत के राज्यों की नजर इस मदद राशि पर है। जापानी कंपनियों को अपने राज्य में लाने में कामयाब होने पर अमेरिका व अन्य देशों की कंपनियां भी उस राज्य में अपनी यूनिट लगाने के लिए प्रेरित हो सकती है। यही वजह है कि गुजरात सरकार के प्रमुख सचिव (उद्योग) मनोज दास ने जापान के सरकारी और व्यापारिक प्रमुखों को इस संबंध में पत्र भी लिख दिया है। 

गुजरात सरकार का कहना है कि उनके यहां पहले से कई जापानी कंपनियां काम कर रही हैं और जापानी कंपनियों के लिए अलग से औद्योगिक पार्क भी है। गुजरात सरकार 30 प्रकार से अधिक क्षेत्रों से जुड़ी यूनिट लगाने पर कई वित्तीय छूट भी दे रही है। राज्य सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन के समाप्त होते ही चीन से बाहर निकलने की इच्छुक जापानी कंपनियों को गुजरात में लाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

गुजरात की तरह ही उत्तर प्रदेश सरकार भी जापानी कंपनियों को अपने यहां स्थापित करना चाहती है। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योग मंत्री से इन कंपनियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने के लिए कहा है। इस संबंध में बैठकें भी की गई हैं।

इस सप्ताह औद्योगिक संगठन के साथ एक बैठक में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद चीन से निकलने की इच्छुक जापानी और अमेरिकी कंपनियों को भारत में लाने के प्रयास तेज किए जाएंगे।

औद्योगिक विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी विदेशी कंपनी को अपने यहां लाने में कामयाबी तभी मिल सकती है जब केंद्र और राज्य दोनों ही सरकार एकजुट होकर काम करेंगी क्योंकि सिर्फ केंद्र की तरफ से तत्परता दिखाने से काम नहीं बनने वाला है। किसी यूनिट को लगाने के लिए जमीन देने से लेकर स्थानीय स्तर पर उनके लिए रास्ते को आसान बनाने का काम राज्य सरकार का होता है।


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