गरीबी उन्मूलन और बैंकों को सहायता देने के लिए RBI के रिजर्व का इस्तेमाल करना चाहती है सरकार: जेटली
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि राजकोषीय घाटे को काबू में रखने का नरेंद्र मोदी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जमा पूंजी की जरूरत नहीं है, बल्कि वह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को तेज करने और सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए इसका उपयोग करना चाहती है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि राजकोषीय घाटे को काबू में रखने का नरेंद्र मोदी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। सोमवार को संसद ने चालू वित्त वर्ष के लिए 85,948.86 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दे दी। इसमें से आधी रकम का इस्तेमाल बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में किया जाना है।
आरबीआई के लिए इकॉनमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) के मसले का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि दुनिया के अधिकांश केंद्रीय बैंक 8 फीसद का रिजर्व रखते हैं, जबकि कुछ बैंक बेहद सतर्कतावादी रुख रखते हुए 14 फीसद तक का रिजर्व रखते हैं।
उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास 28 फीसद का रिजर्व है और विशेषज्ञों की समिति इसके सही स्तर के बारे में तय करेगी ताकि बैंक के पास पड़े अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम और सरकारी बैंकों की पूंजीगत मदद में की जा सके।
जेटली ने कहा, ‘किसी भी सरकार के मुकाबले इस सरकार का राजकोषीय घाटे को प्रबंधित करने के मामले में शानदार रिकॉर्ड रहा है। हमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई के रिजर्व की जरूरत नहीं है।’
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