IT Companies 2024: 2024 में आईटी कंपनियों पर मंडरा रहा है खतरा, राजस्व वृद्धि की रफ्तार होगी कम- Crisil
IT Company Revenue Growth 2024 Crisil के मुताबिक आईटी कंपनियों में वित्त वर्ष 2024 में 9 प्रतिशत अंक से 10-12 प्रतिशत तक की राजस्व वृद्धि देखी जा सकती है जो पिछले साल की तुलना में कम है। ऐसा SVB पतन की वजह से देखा जा रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आईटी कंपनियों में वैश्विक उथल-पुथल का असर देखा जा सकता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक व्यापक आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र की विपरीत परिस्थितियों की वजह से आईटी कंपनियों की राजस्व ग्रोथ की रफ्तार कम हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 लाख करोड़ रुपये वाले इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 में 9 प्रतिशत अंक से 10-12 प्रतिशत तक की राजस्व वृद्धि देखी जा सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह ग्रोथ लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ थी।
एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, "प्रमुख बाजारों, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा खंड में घरेलू आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व वृद्धि प्रभावित हो सकती है।"
इन सेगमेंट में दिखेगा असर
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा सेगमेंट में ग्रोथ रफ्तार में कमी आने की आशंका है। इसके पीछे की वजह सिलिकॉन वैली बैंक के पतन को ठहराया गया है, जो राजस्व वृद्धि को आधा कर देगा। इस तरह यह प्रभाव 12 से 14 प्रतिशत तक रहेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में ग्रोथ और अन्य सेगमेंट में 9 से 11 फीसदी की ग्रोथ रहने का अनुमान है।
17 आईटी कंपनियों से लिए गया है डेटा
रेटिंग एजेंसी ने इस रिपोर्ट को 17 कंपनियों के डेटा के आधार पर पेश किया है। ये भारतीय आईटी कंपनियां इस क्षेत्र के राजस्व का 71 प्रतिशत हिस्सा कवर करती हैं। वहीं, IT सेक्टर 10.2 लाख करोड़ रुपये के राजस्व को कवर करता है। एजेंसी ने आगे कहा कि क्लाइंट्स द्वारा किया जाने वाला आईटी खर्च अधिकांश एंड-यूजर उद्योगों द्वारा एक अनुकूलन बदलाव को देख रहा है।
इन क्षेत्रों में हो सकता है सुधार
क्रिसिल के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024 में ऑपरेटिंग प्रॉफिटेबिलिटी में 0.50 से 0.60 फीसद बढ़कर 23 फीसदी के सुधार के साथ देखा जा सकता है। वहीं, वित्त वर्ष 2023 में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 1.50 से 1.75 फीसद की कमी देखे जाने की बात कही जा रही है और यह कम होकर 22-22.5 प्रतिशत के निचले स्तर पर रहने की उम्मीद है।