IIP और महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी निवेशकों की नजर
इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) और महंगाई के आंकड़ों पर निवेशकों की जनर रहेगी
नई दिल्ली (जेएनएन)। इस हफ्ते निवेशकों की नजर कुछ बड़े आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी। इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) और महंगाई के आंकड़े आने हैं। इसके अलावा देश की दिग्गज आइटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के नतीजे भी बाजार की चाल पर असर डाल सकते हैं। बीता हफ्ता प्रमुख स्थानीय शेयर बाजारों के लिए अच्छा रहा। इस दौरान बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 530.50 अंक बढ़कर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 191.10 अंक बढ़ा। इससे पहले लगातार दो हफ्ते शेयर बाजारों साप्ताहिक आधार पर गिरावट आई थी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘निकट भविष्य में कंपनियों के सितंबर तिमाही के नतीजे प्रमुख रूप से बाजार को दिशा देंगे। इस सप्ताह निवेशकों की निगाह आइआइपी और महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी।’ अगस्त के आइआइपी, सितंबर के महंगाई के आंकड़े व टीसीएस के सितंबर तिमाही के नतीजे 12 अक्टूबर को आएंगे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वीके शर्मा ने कहा कि बुधवार को अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के निष्कर्ष जारी किए जाने हैं। इन पर अमेरिकी बाजारों की प्रतिक्रिया का असर स्थानीय बाजारों पर भी पड़ेगा।’ जीएसटी काउंसिल की बैठक में बीते शुक्रवार व्यापारियों की सुविधा की दृष्टि से लिए गए फैसलों से भी बाजार पर सकारात्मक असर की उम्मीद है। परिषद का फैसला सामने आने से पहले सेंसेक्स 222 अंक उछला था।
सेंसेक्स की सात बड़ी कंपनियों के एम-कैप में बढ़ोतरी
बीते सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 63,443.82 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इस दौरान सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) रही। आरआइएल का बाजार पूंजीकरण 34,639.06 करोड़ रुपये बढ़कर 5,29,939.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आइटीसी का एम-कैप 9,503.24 करोड़ रुपये बढ़कर 3,24,145.91 करोड़ रुपये रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन भी इस दौरान बढ़ा। कंपनी का एम-कैप 6,569.19 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 2,60,927.89 करोड़ रुपये रहा। इन्फोसिस, ओएनजीसी, भारतीय स्टेट बैंक और टीसीएस के एक-कैप में भी इजाफा हुआ। दूसरी ओर, मारुति, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बाजार मूल्यांकन में इस दौरान कमी आई।