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इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश और टैक्स उपायों से स्टील सेक्टर को मिलेगी मजबूती

दूसरी ओर इलेक्टि्रक वाहनों के कलपुर्जो पर कस्टम डयूटी घटाए जाने से देश में इलेक्टि्रकवाहनोके निर्माण को बढ़ावा दिया गया है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 08:59 AM (IST)
इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश और टैक्स उपायों से स्टील सेक्टर को मिलेगी मजबूती
इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश और टैक्स उपायों से स्टील सेक्टर को मिलेगी मजबूती

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाने तथा निवेशकों को कर राहत देने के अलावा घरेलू स्टील उद्योग को संरक्षण देने के अनेक उपाय किए गए हैं। इससे स्टील की मांग बढ़ने के साथ स्वदेशी स्टील व स्टेनलेस उद्योगों की हालत में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की परियोजनाओं के लिए 2020-21 में चालू वर्ष के मुकाबले 22 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की व्यवस्था की गई है। इसमें दीर्घकालिक फाइनेंसिंग में मदद के लिए आइआइएफसीएल तथा एनआइआइएफ को इक्विटी समर्थन का इंतजाम शामिल है। इस व्यवस्था से बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की कर्ज की समस्या का समाधान होगा।

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इसके अलावा किफायती आवासीय स्कीमों के लिए हाउसिंग लोन के ब्याज पर डेढ़ लाख रुपये तक के डिडक्शन की सुविधा को एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया गया है। जबकि किफायती आवास बनाने वाले बिल्डरों को लाभ पर टैक्स में छूट की अवधि भी बढ़ा दी गई है। इसी प्रकार सड़क क्षेत्र में 15500 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाओं की एक नई त्वरित योजना का ऐलान किया गया है। जिसमें 2000 किमी तटीय सड़कें, 2000 किमी सीमावर्ती रणनैतिक सड़कें तथा 9000 किमी आर्थिक गलियारों का निर्माण शामिल है। इसके अतिरिक्त 2024 तक एनएचएआइ 6000 किमी तैयार परियोजनाओं का मौद्रीकरण करेगा। यही स्थिति रेलवे में भी देखने में आ रही है जहां 27000 किमी ट्रैक का विद्युतीकरण करने के अलावा ट्रैक के किनारे जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने, 150 प्राइवेट ट्रेनों का संचालन करने का प्रस्ताव है। जबकि उपनगरीय 148 किलोमीटर लंबी बंगलूर उपनगरीय परियोजना पर भी काम होगा।

यही नहीं, अंतर्देशीय जल परिवहन के क्षेत्र में भी बड़ी परियोजनाओं के प्रस्ताव किए गए हैं। जिनमें 890 किलोमीटर जल मार्ग 2022 तक तैयार कर लेने पर पहले से काम चल रहा है। विमानन क्षेत्र में भी सौ नए एयरपोर्ट के विकास के प्लान पर काम हो रहा है। कुल मिलाकर आवास, सड़क, रेल और विमानन क्षेत्र में 6500 परियोजनाओं पर अगले वित्तीय वर्ष के दौरान 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि खर्च करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है। इन सभी परियोजनाओं पर किसी न किसी स्तर पर स्टील का इस्तेमाल होगा। जाहिर है इससे स्टील की मांग बढ़ने से स्टील उद्योग के विकास को रफ्तार मिलेगी।

सरकार ने स्टील उद्योग को भरोसा दिया है कि स्टील के आयात पर यथासंभव अंकुश लगाने का प्रयास किया जाएगा और केवल बेहद जरूरी तथा देश में न बन रहे स्टील के आयात की ही अनुमति दी जाएगी। फालतू आयात होने पर जहां जरूरत पड़ेगी वहां एंटी-डंपिंग ड्यूटी भी लगाई जाएगी।बजट में स्टील और स्टेनलेस स्टील के बर्तनों के आयात पर कस्टम शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद करके स्वदेशी स्टेनलेस स्टील सेक्टर को राहत देने का प्रयास किया गया है। जबकि स्टील के फर्नीचर, वाटर कूलर, रेफ्रीजरेटर तथा अन्य ऐसे ही सामानो पर भी आयात शुल्क को बढ़ाया गया है। इससे भी घरेलू स्टील उद्योग का बचाव होगा।

दूसरी ओर इलेक्टि्रक वाहनों के कलपुर्जो पर कस्टम डयूटी घटाए जाने से देश में इलेक्टि्रकवाहनोके निर्माण को बढ़ावा दिया गया है। और तो और देश में भारी उपस्करों व मशीनरी के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्तीय वर्ष के दौरान पूंजीगत खर्च में 18 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव बजट में किया है। इन सभी उपायों से अगले वर्ष स्टील सेक्टर की हालत में निश्चित ही सुधार होगा।


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