साइड इफेक्ट: इंटरनेट बंद होने से 5 सालों में देश की इकोनॉमी को हुआ 3 बिलियन डॉलर का नुकसान
भारत में 12,615 घंटे के मोबाइल इंटरनेट शट डाउन की भारतीय अर्थव्यवस्था को कुल लागत लगभग 2.37 अरब अमेरिकी डॉलर थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंटरनेट बंदी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को बीते पांच सालों के दौरान (साल 2012 से 2015 तक) 3 बिलियन डॉलर का अनुमानित घाटा हुआ है। यह जानकारी आईसीआरआईईआर (ICRIER) की एक स्टडी के जरिए सामने आई है। इस स्टडी में इंटरनेट से जुड़े विभिन्न डिवाइसेज और इकोसिस्टम में इंटरनेट शटडाउन का असर देखने को मिला है।
आईसीआरआईईआर (ICRIER) के डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव रजत कठूरिया ने बताया, “साल 2012 से साल 2017 के दौरान भारत में 16,315 घंटे के इंटरनेट शटडाउन की इकोनॉमी में कुल लागत 3.04 बिलियन डॉलर रही है।” यह बात उन्होंने 'इंटरनेट ब्लैकआउट की एनाटॉमी: भारत में इंटरनेट शटडाउन के आर्थिक प्रभाव को मापना' नामक शीर्षक के साथ जारी हुई रिपोर्ट साझा करने के दौरान कही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 12,615 घंटे के मोबाइल इंटरनेट शट डाउन की भारतीय अर्थव्यवस्था को कुल लागत लगभग 2.37 अरब अमेरिकी डॉलर थी और वहीं 3,700 घंटे के लिए मोबाइल एवं फिक्स्ड लाइन इंटरनेट के शटडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को साल 2012 से 2017 के दौरान 678.4 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
कठूरिया ने कहा, “इस स्टडी का उद्देश्य इंटरनेट ब्लैकआउट पर राज्य के फैसले के प्रभाव का उल्लेख भर करना नहीं है, बल्कि इस घटना से जुड़ी आर्थिक लागत का अनुमान भी लगाना है। हालांकि, नीति निर्माताओं को शटडाउन पर अंतिम निर्णय में इन लागतों पर विचार करने की सलाह दी जाएगी।”
गौरतलब है कि तनाव पैदा होने की स्थिति में अक्सर राज्य सरकारें इंटरनेट शटडाउन का फैसला ले लेती हैं ताकि तनाव को सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ने से रोका जा सके।