MSME के कर्ज पर ब्याज सहायता को मार्च 2021 तक बढ़ाया गया
योजना के दायरे को एक करोड़ रुपये तक के सावधिक कर्ज और कार्यशील पूंजी तक सीमित रखा गया है। योजना के तहत पात्र MSME को उनके कर्ज पर सालाना आधार पर दो फीसद की ब्याज राहत दी जाती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सहकारी बैंकों की ओर से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को दिये गये कर्ज पर दो फीसद की दर से दी जाने वाली ब्याज सहायता को 31 मार्च 2021 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा योजना की शर्तों में भी बदलाव किया गया है।
सरकार ने MSME के लिये ब्याज सहायता योजना की घोषणा नवंबर 2018 में की थी। इसके तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को 2018- 19 और 2019- 20 दो वित्त वर्ष के दौरान MSME कर्ज पर ब्याज सहायता की घोषणा की गई थी। इस योजना को वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये भी बढ़ा दिया गया है। सहकारी बैंकों को भी 3 मार्च 2020 से योजना के तहत कर्ज देने वाले पात्र संस्थानों में शामिल कर लिया गया है।
योजना के दायरे को एक करोड़ रुपये तक के सावधिक कर्ज और कार्यशील पूंजी तक सीमित रखा गया है। योजना के तहत पात्र MSME को उनके कर्ज पर सालाना आधार पर दो फीसद की ब्याज राहत दी जाती है। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा है कि योजना के परिचालन संबंधी कुछ दिशानिर्देशों में सरकार ने फिर से सुधार किया है। योजना की वैधता को 31 मार्च 2021 तक के लिये बढ़ा दिया है।
रिजर्व बैंक ने कहा है, 'इसके मुताबिक सहकारी बैंकों ने 3 मार्च 2020 से जो भी नये और पुराने कर्ज में वृद्धि वाले कर्ज दिये हैं अथवा कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई है वह सभी इस योजना के दायरे में आने के लिये पात्र होंगे।' इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लिये पात्र इकाईयों के लिये उद्योग आधार नंबर (यूएएन) की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है। जिन इकाइयों को जीएसटी लेने की जरूरत नहीं है वह या तो आयकर स्थायी खाता संख्या (पैन) सौंप सकते हैं अथवा उनके कर्ज खाते करे संबंधित बैंक द्वारा MSME खाते के तौर पर वर्गीकृत किया होना चाहिये।