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PPF, किसान विकास पत्र समेत तमाम बचत योजनाओं पर घट सकती हैं ब्याज दरें

सरकार अब स्मॉल सेविंस स्कीम पर भी मिलने वाली ब्याज दरों को घटाने की योजना बना रही है।

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 23 Dec 2016 12:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Dec 2016 02:03 PM (IST)
PPF, किसान विकास पत्र समेत तमाम बचत योजनाओं पर घट सकती हैं ब्याज दरें

नई दिल्ली। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी तमाम छोटी बचत योजनाओं पर सरकार ब्याज दरें घटा सकती है। गोपीनाथ कमेटी की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने की सिफारिश की गई है। गौरतलब है कि बीते सोमवार को सरकार ने ईपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को घटा दिया था। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.8 से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया गया था।

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गोपीनाथ कमेटी की सिफारिशें

स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलने वाला ब्याज दरों को घटाने की सिफारिश गोपीनाथ कमेटी ने की है। कमेटी ने सुझाव दिया है कि इन सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को सरकार के बांड से मिलने वाले रिटर्न से जोड़ दिया जाए। यदि सरकार कमेटी की सिफारिशों को मान लेती है तो पीपीएफ की दर में एक फीसदी तक की कमी आ सकती है। मौजूदा समय में इस पर 8 फीसदी ब्याज दर मिलता है।

गोपीनाथ पैनल के मुताबिक, पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज औसतन 10 वर्ष के सरकारी बांड पर मिलने वाले रिटर्न से 25 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। 10 वर्ष के सरकारी बांड पर मिलने वाला रिटर्न कम होकर 6.5 फीसदी हो गया है और बीते तीन महीनों के दौरान कुल मिलाकर सात फीसदी से कम ही रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पीपीएफ रेट भी जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान कम होकर सात फीस दी के आसपास आ सकती है।

कटौती के बाद भी पीपीएफ होगा फायदेमंद
पीपीएफ रेट में कटौती के बाद भी इस पर मिलने वाला रिटर्न बैंक डिपोजिट्स और कॉरपोरेट एफडी से अधिक होगा। बैंकों ने डिपोजिट रेट्स को कम करके 7-7.5 फीसदी कर दिया है और इस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी लगता है। जबकि पीपीएफ टैक्स मुक्त है।


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