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मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती के संकेत

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अगले सप्ताह होने वाले मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती का संकेत देते हुए वित्त मत्री अरुण जेटली ने कहा कि मैं जो चाहता हूं क्या हर कोई वही चाहता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Mar 2016 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 29 Mar 2016 02:02 PM (IST)
मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती के संकेत

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अगले सप्ताह होने वाले मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती का संकेत देते हुए वित्त मत्री अरुण जेटली ने कहा कि मैं जो चाहता हूं क्या हर कोई वही चाहता है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से सरकार राजकोषीय घाटा को ध्यान में रखते हुए सकल घरेलू उत्पाद को 3.9 फीसदी से कम कर 3.5 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटी बचत पर ब्याज दरों को कम किया है।

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मौद्रिक नीति की समीक्षा में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से उम्मीद के बारे में जेटली ने कहा कि छोटी बचत के ब्याज दरों में कटौती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति 5 फीसदी के आसपास रहेगी। उच्च ब्याज दरों से भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त हो सकती है।

वहीं, वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता ड्यूश बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भले ही ब्याज दरों में कटौती की मांग हो लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के लक्ष्य को देखते हुए आगामी मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दर में केवल 0.25 प्रतिशत कटौती की ही संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा।

ड्यूश बैंक के अनुसार रिजर्व बैंक औसत वास्तविक ब्याज दर को 1.5-2.0 फीसद पर बनाए रखने के अपने लक्ष्य पर कायम है। इसी तरह 2016-17 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के 5 फीसद पर रहना अनुमानित है जिससे रेपो दर को 6.50 प्रतिशत से नीचे लाने की गुंजाइश है।


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