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बीमा कंपनियों को पेश करनी होगी 1 से 5 लाख तक की स्टैंडर्ड Health Insurance पॉलिसी, IRDAI ने दिये निर्देश

IRDAI ने इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नाम दिया है। इरडा ने कहा है कि इस नाम में बीमा कंपनियां अपना नाम जोड़ सकती हैं। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:22 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:08 AM (IST)
बीमा कंपनियों को पेश करनी होगी 1 से 5 लाख तक की स्टैंडर्ड Health Insurance पॉलिसी, IRDAI ने दिये निर्देश
बीमा कंपनियों को पेश करनी होगी 1 से 5 लाख तक की स्टैंडर्ड Health Insurance पॉलिसी, IRDAI ने दिये निर्देश

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा उत्पादों से जुड़ी ग्राहकों की समस्याओं को हल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इरडा ने बीमा कंपनियों से एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक की एक स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराने को कहा है। इरडा ने गुरुवार को इसके लिए बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किये हैं। दरअसल, भिन्न-भिन्न बीमा कंपनियों के कई प्रकार के व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा उत्पाद हैं। इन उत्पादों के फायदे व शर्तें अलग-अलग होती हैं। इस कारण ग्राहको को सही उत्पाद चुनने में समस्या हो रही थी।

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इरडा ने कहा, ‘‘हेल्थ इंश्योरेंस मार्केट में इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस के कई प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। हर प्रोडक्ट के कुछ खास फीचर्स हैं। इस वजह से ग्राहकों के लिए सही उत्पाद चुनना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसलिए इरडा सभी सामान्य व चिकित्सा बीमा कंपनियों के लिये यह अनिवार्य करती है कि वे स्टैंडर्ड इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की पेशकश करें।’’

इरडा ने इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नाम दिया है। इरडा ने कहा है कि इस नाम में बीमा कंपनियां अपना नाम जोड़ सकती हैं। इरडा ने कहा कि दस्तावेजों में इसके अलावा किसी दूसरे नाम का जिक्र नहीं होना चाहिये। यह प्रोडक्ट ग्राहकों की आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज देगा।

इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये और न्यूनतम एक लाख रुपये का कवरेज होगा। इरडा ने कहा है कि इस प्रोडक्ट में अनिवार्य रूप से आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज होगी। साथ ही इसमें किसी प्रकार के एड-ऑन या वैकल्पिक कवरेज की पेशकश नहीं की जाएगी।

यहां बता दें कि अनिवार्य आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज में अस्पताल में भर्ती होने का खर्चा, मोतियाबिंद के इलाज का खर्च (एक सीमा तक), किसी बीमारी या चोट को दूर करने के लिए आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी, दांतों से जुड़ी बिमारियों के इलाज में लगने वाला खर्चा, सभी तरह के डे-केयर इलाज और प्रति मरीज अधिकतम दो हजार रुपये का एंबुलेंस का खर्चा कवर होगा। बीमा कंपनियां इरडा के निर्देशों के दायरे में रहते हुए इस स्टैंडर्ड प्रोडक्ट की कीमत तय कर सकती हैं।


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