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जीएसटीएन के नेटवर्क बग को सुलझाने के लिए टीम का विस्तार करेगी इंफोसिस

इंफोसिस ने साल 2015 के दौरान दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कर प्रणाली को लागू करने के लिए 1,380 करोड़ का अनुबंध प्राप्त किया था

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 29 Oct 2017 03:54 PM (IST)Updated: Sun, 29 Oct 2017 03:54 PM (IST)
जीएसटीएन के नेटवर्क बग को सुलझाने के लिए टीम का विस्तार करेगी इंफोसिस
जीएसटीएन के नेटवर्क बग को सुलझाने के लिए टीम का विस्तार करेगी इंफोसिस

नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क विक्रेता और सॉफ्टवेयर प्रमुख इंफोसिस, जीएसटीएन में बग को ठीक करने के लिए अपनी टीम का विस्तार करेगी। यह जानकारी जीएसटीएन नेटवर्क की देखरेख करने लिए गठित किए गए मंत्रिसमूह (जीओएम) के चेयरमैन सुशील कुमार मोदी ने दी है।

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सुशील कुमार मोदी जो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री भी हैं ने अपनी जीओएम की तीसरी मीटिंग में कहा, “आईटी सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस ने हमें बताया कि यह अपनी 100 सदस्यीय टीम का विस्तार करेगा। यह जीएसटीएन नेटवर्क को चलाती है और इसमें बग या तकनीकी खामी को दूर करने की दिशा में काम करती है।”

इंफोसिस पहले ही इस नेटवर्क पर 18 से 27 तकनीकी खामियों को दूर कर चुकी है और जीएसटी काउंसिल की ओर से आए परिवर्तनों के कारण टेक्निकल बग की समस्या को सुलझाते हुए पोर्टल को संचालन करने की स्थिति में ला चुकी है। जीएसटी काउंसिल अपनी हर बैठक में पोर्टल को और सहज बनाने की दिशा में काम कर रही है।

इंफोसिस ने साल 2015 के दौरान दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कर प्रणाली को लागू करने के लिए 1,380 करोड़ का अनुबंध प्राप्त किया था। इंफोसिस को इसका रखरखाव अगले 5 सालों के लिए करना है। सुशील मोदी ने कहा, “जीएसटी परिषद की हर बैठक में सदस्य राज्यों की ओर से दिए गए सुझाव को क्रियात्मक बनाया जा रहा है, जिसे इंफोसिस को सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म में बदलाव के साथ को नेटवर्क में शामिल करना है।”


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