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शहर से अधिक गांवों पर महंगाई की मार, तेलंगाना, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बंगाल के ग्रामीण इलाकों में बुरा हाल, जानें इसकी वजह

महंगाई का असर गांवों में कम देखा जाता है लेकिन पिछले कुछ महीनों से उलट ही नजारा दिखाई दे रहा है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि महंगाई शहर से अधिक गांवों में नजर आ रही है। जानें क्‍या है इसकी वजहें...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 07:29 AM (IST)
शहर से अधिक गांवों पर महंगाई की मार, तेलंगाना, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बंगाल के ग्रामीण इलाकों में बुरा हाल, जानें इसकी वजह
पिछले कुछ महीनों से देश के ग्रामीण इलाके महंगाई का सामना कर रहे हैं... (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अक्सर ऐसा सुनने में आता है कि महंगाई का असर गांवों में कम होता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से शहर से अधिक महंगाई गांवों में है और इस बात की गवाही सरकारी आंकड़े भी देते हैं। इस साल अप्रैल में ग्रामीण महंगाई दर 8.38 प्रतिशत थी जबकि शहर की महंगाई दर 7.09 प्रतिशत थी। कुल महंगाई दर 7.79 प्रतिशत दर्ज की गई। इस साल मार्च में भी कुल महंगाई दर 6.95 प्रतिशत थी और ग्रामीण महंगाई दर 7.66 प्रतिशत दर्ज की गई।

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चार राज्यों में तो ग्रामीण महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर

अप्रैल में देश के चार राज्यों में तो ग्रामीण महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर चली गई। इनमें तेलंगाना (10.26 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (10.12 प्रतिशत), हरियाणा (10.25 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल 10.53 प्रतिशत शामिल हैं। उत्तर प्रदेश, असम और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ग्रामीण महंगाई दर नौ प्रतिशत से अधिक रही।

ईंधन के दाम में वृद्धि बड़ी वजह

विशेषज्ञ ग्रामीण इलाके में महंगाई दर बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों के साथ ईंधन के दाम में वृद्धि को बता रहे हैं। इस साल अप्रैल महीने में जिन पांच चीजों के खुदरा दाम में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई, उसमें सब्जी, ईधन और बिजली, ट्रांसपोर्ट, फल व मसाला शामिल है।

गांवों में खाने-पीने पर ज्‍यादा खर्च करते हैं लोग

दरअसल, खुदरा महंगाई दर मापने का जो तरीका बनाया गया है, उसके मुताबिक ग्रामीण इलाके में 100 रुपये में 50 रुपये से अधिक खाने-पीने पर खर्च किए जाते हैं। लगभग आठ रुपये फ्यूल और लाइट पर खर्च किए जाते हैं। जबकि शहर में खाने-पीने पर 36 रुपये खाने-पीने पर तो 5.5 रुपये ईधन और बिजली पर खर्च होते हैं।

अप्रैल में जिन पांच वस्तुओं के दाम में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई

सब्जी ----- 15.4 प्रतिशत

फ्यूल व लाइट ---- 10.8 प्रतिशत

ट्रांसपोर्ट व कम्युनिकेशंस ----- 10.9 प्रतिशत

फल ----- 5 प्रतिशत

मसाला ------- 10.6 प्रतिशत

खाने-पीने और ईधन पर ज्‍यादा खर्च

ग्रामीण इलाके के लोग खाने-पीने और ईधन पर अधिक खर्च करते हैं और मुख्य रूप से इन वस्तुओं की महंगाई में ही अधिक बढ़ोतरी हुई है। इसलिए ग्रामीण इलाके की महंगाई दर अधिक है।

- साक्षी गुप्ता, वरिष्ठ अर्थशास्त्री, एचडीएफसी बैंक

और बढ़ सकती है महंगाई

कच्चे तेल के दाम बढ़ने से केरोसिन के दाम बढ़ गए और गांवों में जलावन के दाम भी बढ़े हैं। इससे भी ग्रामीण इलाके में महंगाई दर अधिक दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन राज्यों के ग्रामीण इलाके में 10 प्रतिशत से अधिक की महंगाई है, वहां के ग्रामीण इलाके में सप्लाई की दिक्कत हो सकती है। इससे भी दाम बढ़ सकते हैं।


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