Coronavirus: इकोनॉमी को उबारने के लिए 14 लाख करोड़ के पैकेज की दरकारः Assocham
एसोचैम के महासचिव पवन सूद ने बताया कि हालात बहुत ही अप्रत्याशित हैं। सरकार की तरफ से बड़ी मदद के बिना उद्योग जगत के लिए हालात संभालना मुश्किल होगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रमुख उद्योग चैंबर एसोचैम (Assocham) ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से भारतीय इकोनॉमी जिस तरह की मुसीबत में फंस गई है, उससे निकलने के लिए सरकार को कुल 14 लाख करोड़ रुपये के पैकेज देने की जरूरत होगी। पैकेज की पूरी राशि एक बार में नहीं बल्कि चरणबद्ध तरीके से इकोनॉमी के तमाम सेक्टर को अलग-अलग देने की दरकार होगी, तभी अगले कुछ महीनों में हालात सामान्य हो सकेंगे। जब केंद्र सरकार लॉकडाउन को खत्म करने की तैयारी में जुटी है, तब एसोचैम ने सरकार और आरबीआइ को भावी आर्थिक नीतियों का एक रोडमैप पेश किया है।
एसोचैम के महासचिव पवन सूद ने बताया कि हालात बहुत ही अप्रत्याशित हैं। सरकार की तरफ से बड़ी मदद के बिना उद्योग जगत के लिए हालात संभालना मुश्किल होगा। सूद ने बताया कि निजी क्षेत्र पर अपने कर्मचारियों को बनाए रखने का नियम लागू किया गया है। हम इसका स्वागत कर रहे हैं लेकिन इस तथ्य को भी ध्यान में रखना होगा कि सारी इकोनॉमी बंद है, कहीं से भुगतान आ नहीं रहा, माल रास्ते में फंसा हुआ है, आगे की कोई राह निकलती नहीं दिख रही है। बड़ी कंपनियां और संगठित क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां तो कुछ हद तक यह बोझ वहन कर लेंगी लेकिन बाकी कंपनियों के लिए दो-तीन महीने बगैर किसी संचालन के भुगतान करना असंभव है।
सूद ने कहा, ''हमारी मांग है कि या तो सरकार तीन महीने के इस वेतन के बोझ को आसान करने के लिए इस पर आई लागत के बराबर हमें कम दर पर कर्ज उपलब्ध करा दे या फिर वह 75 फीसद हिस्से का भुगतान करे और बाकी भुगतान निजी क्षेत्र को करने दे। कर्मचारियों व श्रमिकों को समय पर वेतन मिलना बहुत जरूरी है। इस बारे में सरकार को बिना देरी के फैसला करना चाहिए ।"
उन्होंने कहा कि सरकार दूसरी मदद यह कर सकती है कि विभिन्न सरकारी विभागों और उपक्रमों के ऊपर उद्योग जगत की तकरीबन तीन से सवा तीन लाख करोड़ की राशि बकाया है। यह राशि अगर सभी कंपनियों को बगैर किसी विलंब के अदा कर दी जाए तो कंपनियों को लॉकडाउन के बाद काम को तेजी से शुरू करने में मदद मिलेगी। अभी छोटे व मझोले उद्यमों को वित्तीय सेक्टर से बड़े पैमाने पर कर्ज की जरूरत होगी। इनके लिए कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आरबीआइ ने कई कदमों का एलान किया है, लेकिन इन कदमों का जमीन पर अनुपालन कराना होगा।