इस हफ्ते औद्योगिक उत्पादन व महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी सबकी निगाह
इस हफ्ते की चाल पर कुछ वृहद आर्थिक आंकड़ों और रुपये की चाल का असर देखने को मिल सकता है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इस हफ्ते की चाल पर कुछ वृहद आर्थिक आंकड़ों और रुपये की चाल का असर देखने को मिल सकता है। शुक्रवार को अगस्त के औद्योगिक उत्पादन और सितंबर के महंगाई के आंकड़े जारी होने हैं। बीते हफ्ते में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।
रुपये की हालत और महंगाई के खतरे को देखते हुए नीतिगत दरों में वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे बाजार को रिजर्व बैंक से झटका लगा था। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला लिया, जिससे बाजार में तेज गिरावट आई। शुक्रवार को बीएसई का सेंसेक्स 792 अंक टूट गया। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में बीते हफ्ते 1850 अंक की गिरावट दर्ज की गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘वित्तीय बाजार में स्थिरता आने तक नेगेटिव ट्रेंड बने रहने का अनुमान है। अहम आंकड़ों जैसे बांड यील्ड, रुपये की चाल, कच्चे तेल की कीमत और लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार की जरूरत है और इसमें वक्त लगेगा।’ कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की लक्ष्मी अय्यर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत, वैश्विक बाजारों में ब्याज की दरों और ट्रेड वार के मोर्चे पर होने वाली गतिविधियां केंद्र में रहेंगी।
इस हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अपना नवीनतम वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक जारी करेगा। गुरुवार को अमेरिका के सितंबर के महंगाई के आंकड़े भी जारी होने हैं। इसके अलावा घरेलू स्तर पर शुक्रवार को औद्योगिक उत्पादन और खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आएंगे। डॉलर की तुलना में रुपया भी लगातार गिरावट में चल रहा है। इन सभी स्थितियों का बाजार पर असर दिखेगा।
शीर्ष 10 कंपनियों का एम-कैप गिरा : बीते हफ्ते बाजार में आई जबर्दस्त गिरावट के चलते बीएसई की शीर्ष 10 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 2,55,995 करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आई। सबसे ज्यादा घाटे में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 1,32,061.4 करोड़ रुपये गिरकर 6,65,441.16 करोड़ रुपये पर आ गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का एम-कैप 31,164.6 करोड़ रुपये गिरकर 8,05,187.65 करोड़ रुपये रहा। बीते हफ्ते आइटीसी, कोटक महिंद्रा, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनीलिवर, एचडीएफसी, एसबीआइ और इन्फोसिस के बाजार पूंजीकरण में भी गिरावट दर्ज की गई।
विदेशी निवेशकों ने निकाले 9,355 करोड़ रुपये : भारतीय पूंजी बाजार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा निकासी का दौर जारी है। अक्टूबर के शुरुआती चार सत्रों में ही एफपीआइ ने 9,355 करोड़ रुपये की निकासी की है। इसमें से 7,094 करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से और 2,261 करोड़ रुपये डेट मार्केट से निकाले गए। पिछले महीने एफपीआइ ने भारतीय पूंजी बाजार से 21,000 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इससे पहले जुलाई-अगस्त में विदेशी निवेशकों ने 7,400 करोड़ रुपये भारतीय पूंजी बाजार में डाले थे।