सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में 14 साल की सबसे बड़ी गिरावट, अप्रैल में Services PMI घटकर 5.4 पर आई
Services PMI INDIA अप्रैल महीने में भारत की कंपोजिट पीएमआई 7.2 पर आ गई है। यह मार्च महीने में 50.6 पर थी। (Pic pixabay.com)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में अप्रैल महीने में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। देश की सर्विसेज पीएमआई (Services PMI) अप्रैल महीने में 5.4 के स्तर पर आ गई है। जबकि मार्च महीने में देश की सर्विस पीएमआई 49.3 पर थी। वहीं, अप्रैल महीने में भारत की कंपोजिट पीएमआई 7.2 पर आ गई है। यह मार्च महीने में 50.6 पर थी। पीएमआई में 50 से ऊपर का आंकड़ा ग्रोथ और 50 से नीचे का आंकड़ा मंदी को दिखाता है। पीएमआई का इस तरह से गिरना अर्थव्यवस्था पर बड़े संकट को दर्शाता है।
सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में यह गिरावट कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन के चलते देखने को मिली है। गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही संपूर्ण लॉकडाउन लागू है। इस कारण पूरे अप्रैल महीने देश में लॉकडाउन रहा है। इस लॉकडाउन में आवश्यक सामानों और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी औद्योगिक और व्यापारिक सेवाएं बंद थी। सरकार ने सोमवार से तीसरे चरण का लॉकडाउन लागू किया है, जो 17 मई तक रहेगा। हालांकि इस दौरान रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के हिसाब से लॉकडाउन में कुछ छूट भी दी गई है।
India's services activity collapses as coronavirus paralyses global economy - PMI https://t.co/YXxPr4MjGE" rel="nofollow pic.twitter.com/BKzJezDNmb— Reuters India (@ReutersIndia) May 6, 2020
इस लॉकडाउन के कारण भारत के सर्विस सेक्टर ने अप्रैल महीने में व्यापारिक गतिविधियों में मासिक आधार पर 14 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है। हालांकि, फरवरी महीने में भारत की सर्विस पीएमआई में तेजी दर्ज की गई थी। भारत में फरवरी महीने की सर्विस पीएमआई 57.5 के स्तर पर रही थी। वहीं कंपोजिट पीएमआई 57.6 के स्तर पर आ गई थी। फरवरी महीने में देश की सर्विस पीएमआई जनवरी 2013 के बाद के उच्चतम स्तर पर आ गई थी।
आईएचएस मार्किट का कहना है कि लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मांग के नहीं होने के कारण प्रमुख व्यवसायों को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। सर्वे के करीब 97 फीसद उत्तरदाताओं ने कोरोना वायरस महामारी का व्यापक प्रभाव बताते हुए आउटपुट में गिरावट की बात कही है। एक्सपर्ट पैनल के अनुसार, विदेशों में होने वाली बिक्री में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे एक्सपोर्ट मार्केट को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
आइएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री Joe Hayes ने कहा, 'हेडलाउन इंडेक्स में जबरदस्त गिरावट आई है। यह करीब 40 प्वाइंट गिर गई है। यह बताता है कि कड़े लॉकडाउन के कारण सेवा गतिविधियां रुक सी गई हैं। जीडीपी के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में अप्रैल महीने में 15 फीसद की वार्षिक दर से संकुचन हुआ है।' उन्होंने आगे कहा, 'कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत में आर्थिक नुकसान काफी गहरा और दूरगामी है। उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था ने सबसे बुरा समय देख लिया है और लॉकडाउन के धीरे-धीरे खुलने से चीजें सामान्य होती जाएंगी।'