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    रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंची महंगाई, अक्तूबर में 0.25% रही रिटेल इंफ्लेशन की दर, 12 साल में पहली बार

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 04:48 PM (IST)

    भारत की रिटेल महंगाई दर अक्टूबर में तेजी से घटकर 0.25 प्रतिशत पर आ गई, जबकि सितंबर में यह 1.54 प्रतिशत थी। खास बात है कि 2012 से शुरू हुई करंट सीरीज में यह महंगाई की दर का सबसे निचला स्तर है। यह गिरावट खाद्य कीमतों में निरंतर नरमी के कारण आई है, जिसमें फूड इंडेक्स अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत पर आ गया।

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    महंगाई दर में गिरावट

    नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी के लिए बड़ी राहत आई है। सरकार की ओर से 12 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation Rate) अक्टूबर में तेजी से घटकर 0.25 प्रतिशत पर आ गई, जो 201 से शुरू हुई करंट सीरीज में इसका सबसे निचला स्तर है, जबकि सितंबर में यह 1.54 प्रतिशत थी। महंगाई की दर में यह गिरावट खाद्य कीमतों में निरंतर नरमी के कारण आई है, जिसमें फूड इंडेक्स अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत पर आ गया, जो पिछले महीने -2.3 प्रतिशत था। इस इंडेक्स में प्रमुख खाद्य पदार्थों और खाद्य वस्तुओं में व्यापक नरमी को दर्शाता है।

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    वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति औसतन 2.22 प्रतिशत रही है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से काफ़ी नीचे है। इस नरमी को दर्शाते हुए, आरबीआई ने हाल ही में वित्त वर्ष 2026 के लिए मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है।

    महंगाई घटी, अब कम होंगी ब्याज दरें?

    रिटेल महंगाई पर आए राहत भरे आंकड़ों के बाद एलारा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की इकोनॉमिस्ट, गरिमा कपूर ने कहा, "सीपीआई इंफ्लेशन अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जिसकी वजह खाद्य कीमतों में तेज़ गिरावट और हायर बेस का बेनेफिट है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में सीपीआई मुद्रास्फीति आरबीआई के 2.6% के अनुमान से काफी कम रहेगी, और वित्त वर्ष 26 में सीपीआई 2% से नीचे रहेगा।"

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    उन्होंने कहा कि महंगाई दर के इन आंकड़ों के बाद आरबीआई द्वारा दिसंबर 2025 में ब्याज दरों में कटौती और फरवरी 2026 में 25 आधार अंकों की और कटौती का रास्ता साफ होता है।

    तेल अब भी महंगा

    खाद्य पदार्थों में तेल ही एकमात्र ऐसी कैटेगरी में था जिसमें अक्टूबर में दोहरे अंकों में मुद्रास्फीति दर्ज की गई, जबकि पिछले महीने की तुलना में कीमतों में कमी आई थी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नारियल तेल की महंगाई लगभग 93 प्रतिशत रही, जो सभी वस्तुओं में सबसे ज्यादा थी।

     

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