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तीसरी तिमाही में सोने की मांग 24 फीसद गिरकर 145.9 टन रही:WGC

डब्लूजीसी के मुताबिक जीएसटी और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के लागू होने के कारण खरीदारों ने सोने से दूरी बना ली थी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 02:15 PM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 02:15 PM (IST)
तीसरी तिमाही में सोने की मांग 24 फीसद गिरकर 145.9 टन रही:WGC
तीसरी तिमाही में सोने की मांग 24 फीसद गिरकर 145.9 टन रही:WGC

नई दिल्ली (जेएनएन)। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 24 फीसद गिरकर 145.9 टन रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि जीएसटी और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून (एएमएल) के कार्यान्वयन के कारण खरीदारों ने इससे दूरी बना ली थी। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।

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साल 2017 की तीसरी तिमाही के लिए डब्लूजीसी की वैश्विक मांग रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि साल 2016 की तीसरी तिमाही के दौरान सोने की मांग 193 टन रही थी। वैल्यू के टर्म में सोने की मांग 30 फीसद गिरकर 38,540 करोड़ रुपए हो गई, जबकि साल 2016 की समान अवधि में यह 55,390 करोड़ रुपए रही थी। तीसरी तिमाही में ज्वैलरी की मांग 25 फीसद गिरकर 114.9 टन रही जो कि साल 2016 की समान अवधि में 152.7 टन रही थी।

अगर वैल्यू के टर्म में बात करें तो सोने की निवेश की मांग 8,200 करोड़ रुपये थी, जिसमें 29 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी। साल 2016 की तीसरी तिमाही में यह 11,520 करोड़ रुपए रही थी। वहीं भारत में साल 2017 के भीतर रिसाइकल किए गए सोने की कुल मात्रा 26.7 टन रही जो कि साल 2016 की समान अवधि में 25.7 टन रही थी।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्लूजीसी) की प्रबंध निदेशक (इंडिया) सोमासुंदरम पीआर ने बताया, “साल 2017 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग में 24 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। क्योंकि जीएसटी और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून (एएमएल) के कार्यान्वयन ने गहने को खुदरा लेनदेन से खरीदारों को रोक दिया था।”


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