साल 2022 तक 56,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी देश की ऑनलाइन फूड इंडस्ट्री
इस क्षेत्र की कंपनियों पर ग्राहकों का भरोसा हाल में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस उभरते बाजार में ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनियों के पास नए अवसर उपलब्ध हैं। PC Pixabay
नई दिल्ली, पीटीआइ। तेज रफ्तार डिजिटाइजेशन और बढ़ती ऑनलाइन शॉपिंग की बदौलत साल 2022 तक देश की ऑनलाइन फूड इंडस्ट्री का कारोबार आठ अरब डॉलर (करीब 56,000 करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंच जाएगा। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, यह बिजनेस 25-30 प्रतिशत सीएजीआर (सालाना विकास दर के हिसाब से बढ़ रहा है। मंगलवार को जारी गूगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यंजनों में विविधता ऑनलाइन फूड ऑर्डर वाले एप्स के बार-बार इस्तेमाल की सबसे बड़ी वजहों (35 प्रतिशत) में से एक है।
यह कारोबार बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण आकर्षक छूट और खाने-पीने की चीजें घर बैठे मंगवाने में सहूलियत है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब जोमैटो ने हाल ही में उबर का भारतीय फूड डिलिवरी बिजनेस खरीद लिया है।गूगल की डायरेक्टर (ट्रेवल, बीएफएसआइ, क्लासीफाइड, गेमिंग, पेमेंट्स) रोमा दत्ता चौबे ने कहा, ‘फूड टेक्नोलॉजी ने भारत के 500 से ज्यादा शहरों में अपनी पहुंच बना ली है।
इस क्षेत्र की कंपनियों पर ग्राहकों का भरोसा हाल में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस उभरते बाजार में ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनियों के पास नए अवसर उपलब्ध हैं। नेटवर्क एडवोकेसी ने पहली बार भारत में लोगों को ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने की दिशा में प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका (52 प्रतिशत) निभाई है। इसके बाद इस मामले में विज्ञापनों की भूमिका 19 प्रतिशत रही है। खासतौर पर बड़े शहरों और देशभर के मध्यमवर्गीय तबके के बीच ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है।’
बढ़ रहा ऑनलाइन खर्च
बीसीजी के सीनियर पार्टनर और एमडी अभीक सिंघी ने कहा, ‘फूड टेक स्टार्ट-अप्स ने भारतीयों के खाने का अंदाज बदल दिया है। अब ग्राहक होम-कुक्ड और हेल्थी खाने की मांग करने लगे हैं, जिससे बिजनेस के नए मॉडल सामने आ रहे हैं।’
फूड डिलिवरी की चुनौतियां
1. 20 प्रतिशत लोगों को विभिन्न तरह के भरोसे की कमी
2. 18 प्रतिशत लोग डिलिवरी चार्ज पसंद नहीं करते
3. 13 प्रतिशत को खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता को लेकर आशंका
4. 10 प्रतिशत ग्राहकों को खलती है मनमाफिक ऑर्डर की कमी