भारत की औद्योगिक गतिविधियों के निकट अवधि में मंद रहने की संभावना: रिपोर्ट
डीएंडबी इकोनॉमी फोरकॉस्ट के मुताबिक औद्योगिक गतिविधियां निकट अवधि के दौरान सुस्त रह सकती हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में औद्योगिक गतिविधियां निकट अवधि के दौरान मंद रह सकती हैं। इसकी वजह सुस्त घरेलू मांग, कमजोर वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और वर्ष 2019 के आम चुनावों के परिणामों को लेकर व्यवसायों के बीच जारी अनिश्चितता है। यह अनुमान एक रिपोर्ट में लगाया गया है।
डीएंडबी इकोनॉमी फोरकॉस्ट के मुताबिक लक्ष्य के मुकाबले कर संग्रह में महत्वपूर्ण कमी के बीच सरकार की ओर से निवेश कम किए जानें की चिंताओं के कारण औद्योगिक गतिविधियों के निकट अवधि में मंद रहने का अनुमान है। डन एंड ब्रॉडकास्ट (डीएंडबी) का अनुमान है कि दिसंबर 2018 के दौरान इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के इंडेक्स में 1.5 से 2 फीसद तक की कमी आएगी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक नवंबर में इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ 17 महीने के निचले स्तर के साथ 0.5 फीसद पर आ गई थी। इसकी प्रमुख वजह विनिर्माण क्षेत्र, विशेषकर उपभोक्ता और पूंजीगत वस्तुओं में संकुचन की स्थिति रही। फैक्ट्री आउटपुट ग्रोथ जिसे आईआईपी में नापा जाता है वो नवंबर 2017 में 8.5 फीसद की दर से बढ़ी थी।
डीएंडबी के प्रमुख अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान मजबूत आर्थिक विकास की संभावना प्रतिकूल घटनाओं और वर्ष के दौरान होने वाले अप्रत्याशित झटकों से प्रभावित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी बजट देश की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेगा। सिंह ने कहा, "हमारा मानना है कि आगामी बजट में कुछ लोकलुभावन उपायों की घोषणा होने की संभावना है। जैसा कि यह एक चुनावी वर्ष है इसमें ग्रामीण और एमएसएमई क्षेत्रों एवं समग्र रोजगार सृजन के आसपास घोषणाएं हो सकती हैं।"