दिसंबर 2017 तक 7.9 फीसद तक पहुंच सकती है भारत की ग्रोथ रेट: रिपोर्ट
मोर्गन स्टैनले की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की जीडीपी विकास दर बढ़कर 7.9 फीसद हो सकती है
नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय अर्थव्यवस्था "उत्पादक विकास चरण" में प्रवेश कर रही है और दिसंबर तक वास्तविक जीडीपी विकास दर बढ़कर 7.9 फीसद हो सकती है। यह अनुमान एक हालिया रिपोर्ट में लगाया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूल विदेशी मांग, बेहतर होते कंपनियों के खाते और निजी क्षेत्र में पूंजी व्यय सुधार के कारण देश की जीडीपी में यह सुधार दिखने का अनुमान है।
उत्पादक विकास चरण (Productive growth phase) का मतलब ग्रोथ में सुधार के ऐसे समय से है जो कि वृहद स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए निरंतर वृद्धि का चक्र शुरू होने की अनुकूल परिस्थिति होती है। मोर्गन स्टैलने की इस रिपोर्ट के मुताबिक ग्रोथ रेट (वृद्धि दर) ऊंची रह सकती है और अगली तीन तिमाहियों के दौरान इसमें 1 फीसद के इजाफे का अनुमान है।
मोर्गन स्टैनले का मानना है कि देश की ग्रोथ इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान रफ्तार पकड़ सकती है। साथ ही उसने यह भी कहा कि यह लगभग एक फीसद के इजाफे के साथ दिसंबर तक 7.9 फीसद के स्तर तक पहुंच सकती है, जो कि मौजूदा स्तर पर 7 फीसद है।
मोर्गन स्टैनले की रिसर्च नोट में कहा गया, “हमारा मानना है कि ग्रोथ साइकिल ऊंची रह सकती है, इसमें दूसरी तिमाही के साथ शुरुआत हो सकती है, जिसे तीन अहम कारकों का सहारा मिलेगा। बाह्य मांग के साथ ग्रोथ के लिए बेहतर माहौल बनेगा, कंपनियों की बैलेंस शीट (खातों) में सुधार पहले ही शुरू हो चुका है और निजी क्षेत्र में पूंजी व्यय में बेहतरी साल 2018 से शुरु हो जाएगी।”
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