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भारत की विमानन सुरक्षा ग्रेडिंग घटी

देवयानी खोबरागड़े प्रकरण के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में तल्खी का एक नया अध्याय जुड़ गया है। अमेरिका के विमानन नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन [एफएए] ने भारत की विमानन सुरक्षारैंकिंग को कैटेगरी-1 से घटाकर कैटेगरी-2 कर दिया है। एफएए ने भारतीय विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] की स्थिति और कार्यप्रणाली के ऑडिट के आधार पर यह डाउनग्रेडिंग की है।

By Edited By: Published: Fri, 31 Jan 2014 06:08 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2014 06:07 PM (IST)
भारत की विमानन सुरक्षा ग्रेडिंग घटी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देवयानी खोबरागड़े प्रकरण के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में तल्खी का एक नया अध्याय जुड़ गया है। अमेरिका के विमानन नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन [एफएए] ने भारत की विमानन सुरक्षारैंकिंग को कैटेगरी-1 से घटाकर कैटेगरी-2 कर दिया है। एफएए ने भारतीय विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] की स्थिति और कार्यप्रणाली के ऑडिट के आधार पर यह डाउनग्रेडिंग की है। इस फैसले के बाद भारत अमेरिका को अपनी उड़ानों में बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा। साथ ही भारतीय उड़ानों को अमेरिका में सख्त चेकिंग से गुजरना पड़ेगा।

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विमानन मंत्री अजित सिंह ने इस पर अफसोस के साथ उम्मीद जताई है कि एफएए जल्द ही भारत की रैंकिंग पर पुनर्विचार करेगा। एफएए की ओर से भारत की ग्रेडिंग घटाने की आशंका पिछले साल सितंबर से ही जताई जा रही थी। तब पहली बार एफएए की टीम ने डीजीसीए की व्यवस्थाओं की जांच के बाद 31 बिंदुओं पर असंतोष जताया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि तीन महीने में यदि इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया तो भारत की ग्रेडिंग कम कर दी जाएगी।

तीन महीने बाद दिसंबर में एफएए की टीम ने फिर भारत का दौरा किया। तब डीजीसीए 29 बिंदुओं पर काफी हद तक एफएए को संतुष्ट करने में कामयाब रहा। मगर दो मामलों में एफएए की टीम तब भी संतुष्ट नहीं हुई। इनमें एयरवर्दीनेस अफसरों के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं के अभाव के अलावा फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों (एफओआइ) की कमी और इसे पूरा करने के लिए निजी एयरलाइनों के पायलटों का एफओआइ के रूप में इस्तेमाल के मसले प्रमुख थे। विमानन मंत्रालय ने इन दोनों चिंताओं पर एफएए को संतुष्ट करने के लिए अभी दो रोज पहले ही कैबिनेट निर्णय लेकर 75 एफओआइ की भर्ती करने के साथ-साथ एयरवर्दीनेस अफसरों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने का एलान किया था। साथ ही डीजीसीए के स्थान पर सीएए बनाने का विधेयक संसद से जल्द पारित कराने का भरोसा दिया था। मगर देर से लिए गए इस निर्णय का एफएए पर कोई असर नहीं पड़ा।

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अमेरिका की ओर से भारत की बांहें मरोड़ने के प्रयास तभी से चल रहे थे जबसे भारत ने ड्रीमलाइनरों में नुक्स को लेकर बोइंग से हर्जाना वसूलने की बातें शुरू की थी। इसी के बाद से एफएए ने भारत की एविएशन सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे। इसी बीच देवयानी खोबरागड़े प्रकरण से अमेरिका को भारत पर सख्ती का बहाना मिल गया।

हालांकि, अजित सिंह का कहना है कि इस मामले का देवयानी प्रकरण से संबंध नहीं लगता। मगर वह मानते हैं कि अमेरिकी निर्णय सितंबर के ऑडिट पर आधारित है। जबकि दिसंबर तक ज्यादातर चीजें ठीक की जा चुकी थीं। उन्होंने दावा किया कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन [आइसीएओ] के मानकों के हिसाब से भारत का सेफ्टी रिकॉर्ड अमेरिका से बेहतर तथा विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्तर का है। उन्होंने माना कि भारत को सरकारी सुस्ती का खामियाजा उठाना पड़ा है।


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