Move to Jagran APP

Societe Generale ने कहा, आरबीआई के समर्थन के बावजूद रुपये पर बना रह सकता है दबाव

Societe Generale का कहना है कि आरबीआइ के हस्‍तक्षेपों से अमेरिकी डॉलर/भारतीय रुपया बाजार में गिरावट पर खरीदारी के अवसर बन सकते हैं। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.88 के स्‍तर पर कारोबार कर रहा था। सब की निगाहें जिरोम पॉवेल के भाषण पर है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 03:24 PM (IST)
Societe Generale ने कहा, आरबीआई के समर्थन के बावजूद रुपये पर बना रह सकता है दबाव
Indian rupee to remain under pressure despite RBI support says Societe Generale

नई दिल्‍ली, एजेंसी। सोसियाते जेनराली (Societe Generale) ने शुक्रवार को कहा कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी जारी रह सकती है। इसने अपने नोट में कहा है कि सुस्‍त होती वैश्विक ग्रोथ और अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्‍याज दरों को लेकर जो रुख है उससे रुपये के लिए किए जाने वाले आरबीआई के उपाय प्रभावित हो सकते हैं। शुक्रवार को जारी एक नोट में सोसियाते जेनराली के अर्थशास्‍त्री कुणाल कुन्‍डू ने कहा कि रुपये के 80 जैसे महत्‍वपूर्ण स्‍तर पर पहुंचने पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हस्‍तक्षेप कर सकता है।

loksabha election banner

कुन्‍डू का मानना है कि आरबीआइ के ऐसे हस्‍तक्षेपों से अमेरिकी डॉलर/भारतीय रुपया बाजार में गिरावट पर खरीदारी के अवसर बन सकते हैं। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.88 के स्‍तर पर कारोबार कर रहा था और पिछले सत्र के मुकाबले इसमें शायद ही कोई बदलाव देखा गया। इस उम्‍मीद के कारण कि रुपये की गिरावट पर नियंत्रण के लिए आरबीआइ डॉलर की बिक्री करेगा, हाल के कारोबारी सत्रों के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के स्‍तर के ऊपर चल रहा था।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का इक्विटी में निवेश प्रवाह बढ़ने से रुपया लगभग 80 के स्‍तर पर है। अगस्‍त में अबतक भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश लगभग 6 बिलियन डॉलर रहा है। कुन्‍डू ने कहा कि वैश्विक ग्रोथ में सुस्‍ती रहने के कारण इक्विटी में निवेश का प्रवाह बना रहेगा। इसके अलावा, उन्‍होंने बताया कि महंगाई दर पर काबू पाने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो इक्विटी पोर्टफोलियो में निवेश का प्रवाह बहुत हद तक प्रभावित होने की उम्‍मीद है।

इस बीच, जुलाई के महंगाई दर के आंकड़ों को देखते हुए फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने दरो में बढ़ोतरी का रुख अपनाया है। बाजार को अनुमान है कि फेडरल रिजर्व अगले महीने लगातार तीसरी बार दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि, सभी की निगाहें जिरोम पॉवेल के भाषण पर है, जिससे दरों में बढ़ोतरी का संकेत मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.