डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 65.23 पर खुला, एक्सपर्ट से समझिए आगे की दिशा
डॉलर इंडेक्स में बढ़त के अलावा घरेलू स्तर पर भी राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका और शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली भी रुपए में गिरावट के बड़े कारण हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बुधवार के कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 4 पैसे कमजोर होकर 65.23 खुला। वहीं मंगलवार को रुपए का बंद स्तर 65.19 था। एक्सपर्ट मानते हैं कि रुपए में इस कमजोरी का कारण दुनियाभर की मुद्राओं के सामने डॉलर में मजबूती आना है। साथ ही रुपए की यह गिरावट आगे भी जारी रह सकती है, जिसमें रुपया 65.70 तक के निचले स्तर को छू सकता है।
एक्सपर्ट का नजरिया
केडिया कमोडिटीज के प्रमुख अजय केडिया के मुताबिक डॉलर इंडेक्स में अभी और मजबूती अपेक्षित है। पटरी पर लौटती अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बीच आज फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी से डॉलर में और मजबूती देखने को मिल सकती है, जो रुपया समेत तमाम करेंसी में कमजोरी का एक कारण होगी। इस कमजोरी में रुपया 65.60-65.70 के स्तर को छू सकता है।
केडिया के मुताबिक डॉलर इंडेक्स में बढ़त के अलावा घरेलू स्तर पर भी राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका और शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली भी रुपए में गिरावट का एक कारण है। साथ ही महंगा होता कच्चा तेल भी सरकार के इम्पोर्ट बिल को बढ़ा सकता है, यह भी रुपए के लिहाज से अच्छा संकेत नहीं है।
कमजोर रुपए के नुकसान
महंगा होगा विदेश घूमना: रुपये के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपये भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।
डॉलर होगा मजबूत तो बढ़ेगी महंगाई: डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।
डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा। यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है। यानी आसान शब्दों में भारत का इंपोर्ट बिल (आयात बिल) बढ़ जाएगा।