मोदी फिर पीएम नहीं बने तो 75 से नीचे गिरेगा रुपया
इस साल अब तक के प्रदर्शन पर गौर करने से पता चलता है कि रुपया स्पष्ट तौर पर निवेशकों के लिए पसंदीदा करेंसी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही शेयर बाजार और रुपये में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने में विफल रहते हैं, तो एक डॉलर की कीमत 75 रुपये से भी ऊपर निकल जाएगी।
दिलचस्प संयोग है कि इंडोनेशिया में भी चुनाव होने हैं और वहां ओपीनियन पोल के नतीजे दर्शा रहे हैं कि अप्रैल में होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति जोको विडोडो एक बार फिर विजयी होंगे। दूसरी तरफ मोदी के मामले में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वे एक बार फिर भारी मतों से जीत हासिल कर लेंगे। ऐसे स्थिति में इंडोनेशिया का रुपया भारतीय रुपये को मात दे सकता है।
सिंगापुर स्थित टॉरस वेल्थ एडवाइजर्स के कार्यकारी निदेशक रेनर माइकल प्रीस ने कहा, ‘रुपये के मुकाबले रुपया निवेशकों के लिए बेहतर रिस्क-रिवॉर्ड ऑफर कर रहा है। इंडोनेशिया के मामले में हमारी राय है कि वहां यदि यथास्थिति बनी रहती है, तो यह अच्छी बात होगी। दूसरी तरफ यदि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने में सफल नहीं हो पाते हैं तो लोग इसे नकारात्मक परिघटना मानेंगे, नतीजतन रुपये में भारी गिरावट आ सकती है।’
इस साल अब तक के प्रदर्शन पर गौर करने से पता चलता है कि रुपया स्पष्ट तौर पर निवेशकों के लिए पसंदीदा करेंसी है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक इंडोनेशिया के शेयर और बांड बाजार में तकरीबन 3 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी आ चुकी है। दूसरी तरफ इसी दौरान भारतीय शेयर एवं बांड मार्केट से लगभग 100 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी निकल चुकी है।
आइएनजी का आंकलन: सिंगापुर स्थित आईएनजी ग्रुप एनवी के अर्थशास्त्री प्रकाश सकपाल का कहना है कि यदि मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नहीं चुने जाते हैं तो ऐसी स्थिति में रुपया कमजोर होकर 75 प्रति यूएस डॉलर से भी नीचे आ सकता है।
डीबीएस बैंक का विश्लेषषण: डीबीएस बैंक के ट्रेडिंग हेड आशीष वैद्य ने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमतें बढ़ना, कश्मीर में तनाव चरम पर पहुंचना और राजनीतिक अनिश्चितता के कारण भारतीय करेंसी के लिए जोखिम बढ़ गया है। यदि नकारात्मक चीजें बरकरार रहती हैं, मसलन कश्मीर में हालात ज्यादा खराब होते हैं तो रुपया जल्द 73 का स्तर लांघ सकता है।’