रेलवे स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का काम शुरू
आइआरसीटीसी ने रेलवे स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में 1200 प्रमुख स्टेशनों पर 4,615 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। सभी साढ़े आठ हजार स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का प्रस्ताव है। वाटर वेंडिंग मशीन से रेल यात्री एक रुपये में एक
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आइआरसीटीसी ने रेलवे स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में 1200 प्रमुख स्टेशनों पर 4,615 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। सभी साढ़े आठ हजार स्टेशनों पर वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का प्रस्ताव है।
वाटर वेंडिंग मशीन से रेल यात्री एक रुपये में एक गिलास, तीन रुपये में आधा लीटर, पांच रुपये में एक लीटर और 20 रुपये में पूरा एक कैन शुद्ध आरओ पेयजल प्राप्त कर सकेंगे। आइआरसीटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एके मनोचा के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में 68 मशीनें, लखनऊ व वाराणसी डिवीजन में 58 मशीनें, आगरा व झांसी डिवीजन तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 90 मशीनें लगाने के आर्डर दिए जा चुके हैं। उम्मीद है कि अगले तीन महीने के भीतर ये मशीनें लग जाएंगी।
ये ऐसी आरओ वाटर प्योरीफायर मशीनें होंगी जिनमें 30 फीसद से ज्यादा जल की बर्बादी नहीं होगी। सामान्य आरओ मशीनों में शुद्धीकरण प्रक्रिया के दौरान 60-70 फीसद तक जल बर्बाद होता है। मनोचा के मुताबिक, 'जल की बर्बादी को कम से कम करने के लिए हम अल्ट्रा-फिल्ट्रेशन तकनीक का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें 10 फीसद और कम जल बर्बाद होता है। इस तरह की मशीनों को उन स्टेशनों पर लगाया जाएगा जहां कच्चे पानी में टीडीएस की मात्रा 400 पीपीएम से कम है।'
इसके अलावा पानी की बर्बादी रोकने के लिए कैपेसिटिव/इलेक्ट्रो डी-आयोनाइजेशन तकनीक का भी प्रयोग होगा। प्रत्येक वाटर वेंडिंग मशीन में एक ऑटोमैटिक डिस्पेंसिंग सिस्टम लगा होगा जिससे यात्री बहुत कम कीमत पर विभिन्न मात्राओं में शुद्ध पेयजल प्राप्त कर सकेंगे। ज्यादातर मशीनों के संचालन के लिए कम से कम एक व्यक्ति की जरूरत पड़ेगी। इस तरह इससे 10 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। वैसे कुछ मशीनों को टोकन या स्मार्ट कार्ड के जरिए यात्री खुद आपरेट कर सकेंगे।