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इंडिया पोस्ट की नजर अब बीमा सेक्टर पर, जल्द इंश्योरेंस पॉलिसी भी देगा विभाग

पार्सल डायरेक्टरेट और पेमेंट्स बैंक के रूप में अपने कार्य को विस्तार देने के बाद बीमा कंपनी के गठन का फैसला किया गया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:23 AM (IST)
इंडिया पोस्ट की नजर अब बीमा सेक्टर पर, जल्द इंश्योरेंस पॉलिसी भी देगा विभाग
इंडिया पोस्ट की नजर अब बीमा सेक्टर पर, जल्द इंश्योरेंस पॉलिसी भी देगा विभाग

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेमेंट्स बैंक के बाद भारतीय डाक विभाग की निगाह अब बीमा सेक्टर पर है। संचार मंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि पेमेंट्स बैंक और पार्सल डायरेक्टरेट के बाद विभाग अगले दो साल में बीमा कंपनी के गठन की दिशा में काम कर रहा है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डाक विभाग अपना कलेवर बदल रहा है। पार्सल डायरेक्टरेट और पेमेंट्स बैंक के रूप में अपने कार्य को विस्तार देने के बाद बीमा कंपनी के गठन का फैसला किया गया है। अगले कुछ हफ्तों में इंश्योरेंस इकाई की स्थापना के लिए सलाहकार नियुक्त करने को लेकर प्रस्ताव आएगा। मौजूदा समय में डाक विभाग सरकारी व अर्ध-सरकारी कर्मचारियों को सबसे पुराने जीवन बीमा में से एक ‘पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (पीएलआइ)’ उपलब्ध करा रहा है। इसकी शुरुआत 1884 में हुई थी। इसके बाद 24 मार्च 1995 में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कमजोर वर्ग के लिए ‘रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (आरपीएलआइ)’ स्कीम की शुरुआत की गई।

31 मार्च, 2017 तक देश में 46.8 लाख लोगों के पास पीएलआइ और 1.47 करोड़ लोगों के पास आरपीएलआइ पॉलिसी थी। सिन्हा ने इस साल पीएलआइ को पेशेवर लोगों के लिए भी खोलने की घोषणा की थी। इस एलान के बाद चार महीने में पीएलआइ के राजस्व में छह करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी।

पार्सल डायरेक्टरेट से बढ़ेगा लॉजिस्टिक्स कारोबार: अप्रैल में डाक विभाग ने पार्सल डायरेक्टरेट की शुरुआत की थी। यह स्वतंत्र इकाई की तरह काम करेगा और पार्सल व लॉजिस्टिक्स कारोबार को बढ़ावा देने के लिए तेजी से फैसले ले सकेगा। पहले पार्सल रेट, भारी डील और स्पेशल स्कीम आदि के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था।

सितंबर में हुई है इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की शुरुआत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली सितंबर को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य बैंकिंग सेवा को घर-घर पहुंचाना है। देशभर में तीन लाख डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक लोगों को उनके घर जाकर वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। आइपीपीबी की सेवा 650 शाखाओं और 3,250 केंद्रों पर तत्काल उपलब्ध होगी। इस साल दिसंबर तक देशभर के सभी 1.55 लाख डाकघर इसके दायरे में आ जाएंगे। आइपीपीबी अन्य बैंकों की तरह काम करेगा। हालांकि यहां छोटे लेनदेन होंगे और क्रेडिट रिस्क नहीं लिया जाएगा। आइपीपीबी में एक लाख रुपये तक जमा किए जा सकेंगे। साथ ही मोबाइल पेमेंट, ट्रांसफर, एटीएम, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और थर्ड पार्टी फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलेंगी।


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