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डब्ल्यूईएफ में कसौटी पर होगी भारत की ग्रोथ स्टोरी

विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) का 43वां वार्षिक सम्मेलन मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में भारत से करीब 100 कारोबारी और राजनीतिक दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। छह दिवसीय सम्मेलन में भारत सरकार और इंडिया इंक दोनों मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के डगमगाने के बावजूद भारत खुद

By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2013 08:44 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
डब्ल्यूईएफ में कसौटी पर होगी भारत की ग्रोथ स्टोरी

दावोस। विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) का 43वां वार्षिक सम्मेलन मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में भारत से करीब 100 कारोबारी और राजनीतिक दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। छह दिवसीय सम्मेलन में भारत सरकार और इंडिया इंक दोनों मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

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विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के डगमगाने के बावजूद भारत खुद को संभाले हुए है। इसलिए इसकी ग्रोथ स्टोरी पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ करेंगे। पिछले महीने संसद में रिटेल में एफडीआई विधेयक को पास करवाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

कमलनाथ के अलावा वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा, भारी उद्योग एवं पीएसयू मंत्री प्रफुल्ल पटेल और ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया डब्ल्यूईएफ में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। दुनियाभर के दिग्गज अमीर एवं ताकतवर लोग इस सम्मेलन में हिस्सा लेने दावोस पहुंच रहे हैं। लगभग 50 देशों की सरकार के प्रमुख भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

डब्ल्यूईएफ की इस बैठक में आर्थिक सुस्ती का सामना कर रही दुनिया को इस स्थिति से बाहर निकालने पर विशेष तौर से चर्चा होगी। डब्ल्यूईएफ के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन क्लॉस स्वाब ने कहा कि दुनिया लंबे समय से आर्थिक सुस्ती की परेशानी झेल रही है। इस समय कड़े कदम उठाने की जरूरत है। सम्मेलन के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व व्यापार संगठन और संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं की इसमें हिस्सेदारी रहेगी। इतना ही नहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, रूसी पीएम दमित्री मेदवदेव और इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी भी दावोस पहुंच रहे हैं।

भारतीय मंत्री 27 जनवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन से इतर दूसरे देशों के संबंधित मंत्रियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान उनका मकसद भारत को निवेश की पसंदीदा जगह बनाना होगा। कॉरपोरेट जगत का प्रतिनिधित्व आनंद महिंद्रा, चंदा कोचर, राहुल बजाज, अजीम प्रेमजी, सुनील भारती मित्तल जैसे उद्योगपति करेंगे। मुकेश अंबानी और लक्ष्मी मित्तल भी दावोस पहुंच सकते हैं।


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