अब भारत करेगा COVID-19 PPE मेडिकल कवर का निर्यात, सरकार ने मासिक कोटा तय कर दी अनुमति
COVID-19 के लिए उपयोग होने वाले PPE Medical Coveralls का 50 लाख यूनिट्स प्रति माह का मासिक निर्यात कोटा तय किया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने निर्यात नियमों में आंशिक रूप से राहत देते हुए सोमवार को कोरोना वायरस के लिए पीपीई चिकित्सा कवर के शिपमेंट की अनुमति दे दी है। सरकार ने साथ ही इसमें प्रति महीने 50 लाख यूनिट्स का निर्यात कोटा तय किया है। इससे पहले इस उत्पाद के निर्यात पर बैन लगाया हुआ था, लेकिन अब इसे प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है, जहां निर्यातक को शिपमेंट के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होती है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा, 'कोरोना वायरस के लिए उपयोग होने वाले पीपीई मेडिकल कवर का 50 लाख यूनिट्स प्रति माह का कोटा तय करते हुए इस उत्पाद के निर्यात की अनुमति दी गई है। महानिदेशालय ने कोविड-19 महामारी में काम आने वाले पीपीई मेडिकल कवर के निर्यात के लिए योग्य आवेदकों को लाइसेंस जारी करना तय किया है।'
महानिदेशालय ने कहा, 'अन्य सभी वस्तुएं जो पीपीई किट्स का हिस्सा हैं, उन पर बैन जारी है और इन वस्तुओं के निर्यात पर मासिक कोटा लागू नहीं होगा।' इन वस्तुओं में मेडिकल गॉगल्स, सभी गैर-चिकित्सा/गैर सर्जिकल मास्क (कपास, रेशम, ऊन, पॉलिएस्टर, नायलॉन रेयान या विस्कोस से बुना हुआ), नाइट्राइल दस्ताने और चेहरे की ढाल शामिल हैं।
Boosting Make in India exports, Personal Protection Equipment (PPE) medical coveralls for COVID-19 have been allowed with a monthly export quota of 50 lakh. pic.twitter.com/qpebJvqXuy
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 29, 2020
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, 'मेक इन इंडिया निर्यात को बढ़ावा देने के लिए COVID-19 महामारी में काम आने वाले पीपीई मेडिकल कवरल्स को 50 लाख के मासिक निर्यात कोटा के साथ निर्यात करने की अनुमति दी गई है।'
डीजीएफटी द्वारा पीपीई कवर के निर्यात के लिए विस्तृत प्रक्रिया और मानदंड निर्धारित किये गए हैं। निर्यातक को निर्यात की अनुमति के लिए डीजीएफटी के सिस्टम पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा और आवेदन की हार्ड कॉपी भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है।