चीन छोड़ रहीं विदेशी कंपनियों को भारत लाने की तैयारी में सरकार, यूपी सरकार कर रही है औद्योगिक नीति में बदलाव
चीन से निकलने की इच्छुक दूसरे देशों की खासकर जापान और अमेरिका की कंपनियों को हर हाल में भारत में लाने की कोशिश में सरकार जुट गई है। (Pic Pexels.com)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन से निकलने की इच्छुक दूसरे देशों की खासकर जापान और अमेरिका की कंपनियों को हर हाल में भारत में लाने की कोशिश में सरकार जुट गई है। इस काम में आगे आने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को तैयार कर रही है। मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना काल में भारत मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का विकल्प बन सकता है। अगर राज्य अपने यहां पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम कर लें तो चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए लाया जा सकता है। भारत में पहले से ही पर्याप्त श्रमिक हैं। ये विदेशी कंपनियां चीन और अमेरिका के बीच चलने वाले ट्रेड वार और अब चीन में कोरोना फैलने के कारण उपजी अनिश्चितता की वजह से चीन से बाहर निकलना चाहती हैं।
मंगलवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी राज्यों के आइटी मंत्रियों से कहा कि अभी जो चीन के हालात हैं, उसका फायदा भारत को मिलने जा रहा है। ऐसे में, राज्य तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पहले ही इंसेंटिव की घोषणा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के अवसर को भुनाने की जरूरत है क्योंकि कोविड-19 के बाद कंपनियां चीन से बाहर निकलना चाहती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार इन कंपनियों को लाने के लिए अपनी औद्योगिक नीति में बदलाव कर रही है। गुजरात सरकार ने इन कंपनियों को अपने यहां आने के लिए पत्र तक लिख दिया गया है। कुछ दिन पहले एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने औद्योगिक संगठन के साथ बैठक में कहा था कि कोरोना मामले के थोड़ा शांत पड़ने पर सरकार चीन में काम कर रही जापानी कंपनियों को भारत लाने के लिए स्कीम ला सकती है।
31 जुलाई तक घर से काम करने की छूट
आइटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि आइटी और बीपीओ कंपनियों के कर्मचारी 31 जुलाई तक घर से काम कर सकेंगे। कंपनियों की मांग पर पहले उन्हें घर से काम करने की अवधि में एक माह की छूट दी गई थी जिसकी अवधि बढ़ाकर अब 31 जुलाई तक कर दी गई है।