Move to Jagran APP

छोटे-छोटे आइटम के लिए भी चीन पर निर्भर नहीं रहेगा भारत, देश में ही निर्माण की हो रही तैयारी

प्लाई चेन के तहत सैकड़ों छोटे-छोटे आइटम हैं जिनकी थोक कीमत एक रुपए से कम होती है। एमएसएमई मंत्रालय की मदद से इस प्रकार के उत्पादों के निर्माण की शुरुआत से भारी संख्या में रोजगार भी निकलेंगे।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:06 AM (IST)
छोटे-छोटे आइटम के लिए भी चीन पर निर्भर नहीं रहेगा भारत, देश में ही निर्माण की हो रही तैयारी
छोटे-छोटे आइटम के लिए भी चीन पर निर्भर नहीं रहेगा भारत, देश में ही निर्माण की हो रही तैयारी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चीन से आने वाले छोटे-छोटे आइटम को अब भारत में ही बनाने की तैयारी की जा रही है। इस काम में एमएसएमई मंत्रालय की मदद ली जाएगी। उद्यमियों का भी मानना है कि इस प्रकार की पहल से चीन से आयात में कमी आने के साथ कई ऐसे आइटम का उत्पादन भारत में शुरू हो जाएगा जिसे अब तक भारत में नहीं बनाया जाता है। मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारत चीन से 8,000 से अधिक आइटम का आयात करता है।

loksabha election banner

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चीन से आने वाले कई ऐसे आइटम है जिसका निर्माण भारत में आसानी से किया जा सकता है, लेकिन चीन से आसानी से उपलब्ध होने की वजह से उन आइटम के निर्माण की दिशा में देश के उद्यमियों की तरफ से कोशिश नहीं की गई।

कॉस्मेटिक उत्पाद के मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े उद्यमियों ने बताया कि लिपस्टिक और सिंदूर के साथ एक बहुत ही छोटा ब्रश जैसे आइटम लगाए जाते हैं ताकि उसके इस्तेमाल में महिलाओं को आसानी हो सके। इस एक ब्रश की कीमत 10-15 पैसे होती है। वैसे ही, महिलाएं आई-लाइनर लगाने के लिए जिस ब्रश का इस्तेमाल करती है, वह भी चीन से ही आता है।चीन से मंगाने में इसकी कीमत 28-30 पैसे आती है। ये ब्रश भारत में नहीं बनते हैं और भारत के कास्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स इस प्रकार के ब्रश को मंगाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए चीन को दे देते हैं।

उद्यमियों ने बताया कि सेनिटाइजर रखने में इस्तेमाल होने वाले ट्रिगर पंप तक चीन से आ रहे हैं। उद्यमियों ने बताया कि चीन में 7 रुपए में बिकने वाले ट्रिगर पंप को चीन भारत में 30 रुपए में भेज रहा है। उद्यमियों के मुताबिक कई ऐसे केमिकल है जिसका उत्पादन भारत में होता ही नहीं है जबकि उनके बिना कास्मेटिक के कई आइटम को बनाना संभव ही नहीं है।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चीन से आने वाले इन-इन छोटे आइटम को चिन्हित किया जा रहा है। इन वस्तुओं के उत्पादन को भारत में शुरू करवाने के लिए मशीन की खरीदारी एवं फिनिशिंग में चीन के समतुल्य लाने के लिए ऑटोमेशन में उद्यमियों की मदद सरकार की तरफ से की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अभी उद्यमियों की मदद योजना पर विचार किया जा रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक फिनिश्ड उत्पाद के निर्माण के लिए चीन से निर्भरता को खत्म करने के लिए भारत में ही पूरी सप्लाई चेन स्थापित करनी होगी। सप्लाई चेन के तहत सैकड़ों छोटे-छोटे आइटम हैं जिनकी थोक कीमत एक रुपए से कम होती है। एमएसएमई मंत्रालय की मदद से इस प्रकार के उत्पादों के निर्माण की शुरुआत से भारी संख्या में रोजगार भी निकलेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.