आइएमएफ का अनुमान, इस वर्ष विकास दर में सबको पीछे छोड़ देगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि इस वर्ष भारत 7.3 फीसद के साथ सबसे तेज गति से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का रुतबा एक बार फिर हासिल कर लेगा।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष भारत 7.3 फीसद के साथ सबसे तेज गति से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का रुतबा एक बार फिर हासिल कर लेगा। हालांकि संस्था का नवीनतम अनुमान इस वर्ष अप्रैल के 7.7 फीसद से कम है। फिर भी भारत चीन से विकास दर के मामले में इस वर्ष 0.7 फीसद आगे रहने वाला है। इसके साथ ही संस्था ने अगले वर्ष के लिए देश का आर्थिक विकास दर अनुमान 7.4 फीसद रखा है। पिछले वर्ष देश की आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रही थी।
आइएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट के मुताबिक हाल के वर्षो में भारत में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू किया गया है। इनमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी), कारोबारी सुगमता बढ़ाने के उपाय तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कई कदम शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दिनों में कच्चे तेल के दाम में लगातार बढ़ोतरी और ग्लोबल स्तर पर मौद्रिक अस्थिरताओं के चलते भारत के आर्थिक विकास अनुमान में मामूली कमी की गई है। इसके बावजूद यह पिछले वर्ष की 6.7 फीसद विकास दर के मुकाबले बेहद मजबूत है। पिछले वर्ष चीन की आर्थिक विकास दर भारत से 0.2 फीसद ज्यादा रही थी। आइएमएफ ने इस वर्ष चीन की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.6 फीसद, जबकि अगले वर्ष के लिए 6.2 फीसद रखा है। आइएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक के बाद मंगलवार को ग्लोबल आर्थिक रिपोर्ट जारी की गई। इसके मुताबिक अमेरिका के साथ मौजूदा ट्रेड वार और आंतरिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण मौद्रिक नीति के चलते चीन की आर्थिक विकास दर इस वर्ष के मुकाबले अगले वर्ष और धीमी रहने का अनुमान है।
इंडोनेशिया के बाली में जारी आइएमएफ की इस रिपोर्ट का कहना है कि भारत ने पिछले कुछ समय में बैंक के फंसे कर्ज की समस्या से निजात पाने और कंपनियों की बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने को आर्थिक सुधार की प्राथमिकताओं के रूप में लिया है।
ट्रेड वार से उपजी परिस्थितियों समेत कई मोर्चे पर चुनौतियां
आइएमएफ ने मंगलवार को कहा कि इस वर्ष ग्लोबल आर्थिक विकास दर फीसद के आसपास स्थिर रहने का अनुमान है। हालांकि वर्ष 2012-16 के दौरान किसी भी वर्ष हासिल विकास दर के मुकाबले यह ज्यादा है। संस्था ने दुनिया को चेताया है कि ग्लोबल आर्थिक विकास पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और विकास दर उम्मीद से कम है। गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल में संस्था ने ग्लोबल आर्थिक विकास दर 3.9 फीसद रहने का अनुमान जताया था। आइएमएफ के मुताबिक एशियाई क्षेत्र ने विकास दर के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। आइएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री मॉरिस ऑसफेल्ड ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे दुनिया के कई देश रोजगार के मामले में पूर्णता की ओर पहुंच रहे हैं। लेकिन दुनिया की अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल बरकरार हैं।