अगरबत्ती के प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, गडकरी ने इससे जुड़ी स्कीम को दी मंजूरी
देश में दैनिक आधार पर अगरबत्ती की खपत करीब 1490 टन के आसपास है लेकिन स्थानीय स्तर पर 760 टन अगरबत्ती का ही उत्पादन होता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। MSME मंत्री नितिन गडकरी ने देश को अगरबत्ती के प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से प्रस्तावित रोजगार सृजन कार्यक्रम को अपनी मंजूरी दे दी है। एमएमएमई मंत्रालय ने कहा है कि 'खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन' का लक्ष्य देश में अगरबत्ती के उत्पादन में उल्लेखीय वृद्धि के साथ-साथ भारत के विभिन्न हिस्सों में बेरोजगार और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना है। मंत्रालय ने कहा है कि इस प्रस्ताव को पिछले महीने MSME मंत्रालय के पास संस्तुति के लिए भेजा गया था। पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू होगी और जब इस कार्यक्रम पर पूरी तरह से अमल शुरू होगा तो अगरबत्ती उद्योग में हजारों रोजगार पैदा होंगे।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य कारीगरों एवं स्थानीय अगरबत्ती उद्योग को सहायता उपलब्ध कराना है। देश में दैनिक आधार पर अगरबत्ती की खपत करीब 1,490 टन के आसपास है लेकिन स्थानीय स्तर पर 760 टन अगरबत्ती का ही उत्पादन होता है।
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मंत्रालय ने कहा कि मांग और आपूर्ति में बहुत अधिक अंतर है। इस वजह से इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद है।
इस स्कीम के तहत बिजनेस पार्टनर के रूप में समझौता करने वाले निजी अगरबत्ती मैन्युकैक्चरर्स के जरिए KVIC कारीगरों को अगरबत्ती बनाने वाली ऑटोमैटिक मशीन और पाउडर मिक्सिंग मशीन उपलब्ध कराएगा। KVIC ने केवल भारतीय विनिर्माताओं द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्मित मशीनों को ही खरीदने का निर्णय किया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने आयात नीति में अगरबत्ती को 'फ्री' से हटाकर 'रिस्ट्रिक्टेड' की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय किया था। इसके अलावा अगरबत्ती के इस्तेमाल में आने वाले स्टिक्स पर आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया था। घरेलू उद्योग के फायदे के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया था।