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EU और UK से तत्काल प्रभाव से FTA करने के पक्ष में भारत, चीन छोड़ रही विदेशी कंपनियों को भारत लाने के लिए सरकार की नई कवायद

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक चीन से निकलने वाली विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में भारत का मुख्य मुकाबला वियतनाम और थाइलैंड से हैं।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 08:28 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 08:29 AM (IST)
EU और UK से तत्काल प्रभाव से FTA करने के पक्ष में भारत, चीन छोड़ रही विदेशी कंपनियों को भारत लाने के लिए सरकार की नई कवायद
EU और UK से तत्काल प्रभाव से FTA करने के पक्ष में भारत, चीन छोड़ रही विदेशी कंपनियों को भारत लाने के लिए सरकार की नई कवायद

नई दिल्‍ली, राजीव कुमार। चीन से निकलने वाली विदेशी कंपनियों को भारत लाने के लिए सरकार हर हाल में यूरोपीय यूनियन और यूके से तत्काल तौर पर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) करने के लिए बातचीत शुरू करना चाहती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात के संकेत दिए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक चीन से निकलने वाली विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में भारत का मुख्य मुकाबला वियतनाम और थाइलैंड से हैं। वियतनाम ने हाल ही में ईयू के साथ एफटीए किया है। वहीं, वियतनाम का एफटीए चीन के साथ भी है। 

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विदेशी व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक चीन से निकलने वाली विदेशी कंपनियां अगर वियतनाम में अपनी यूनिट लगाती है तो एफटीए होने के कारण वे अपना माल चीन और ईयू दोनों जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर बेच सकेंगी। एफटीए होने के बाद दोनों देश एक-दूसरे को व्यापार में प्राथमिकता देते हैं और टैरिफ में छूट मिलती है। भारत अगर ईयू या ब्रिटेन के साथ एफटीए करने में कामयाब हो जाता है या एफटीए पर बातचीत भी शुरू कर देता है तो चीन से निकलने वाले विदेशी निवेशकों के बीच भारत के लेकर एक सकारात्मक संदेश जाएगा। उन्हें भारत में यूनिट लगाने में फायदा दिखेगा। 

यही वजह है कि हाल के एक कार्यक्रम में गोयल यहां तक कह गए कि वे सिर्फ 15-30 दिनों में यूके के साथ एफटीए करने के लिए अपने अधिकारियों को भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत यूके और यूरोप के अन्य देशों को फर्नीचर, टेक्सटाइल, लेदर, खिलौने, फार्मा, इंडस्ट्रीयल मशीन जैसे आइटम भेज सकता है। बदले में यूके से मेडिकल उपकरण और ऑटोमोबाइल के आइटम का आयात कर सकता है। यूके साथ व्यापारिक समझौता करने के लिए भारत ब्रिटेन के स्कॉच को रियायती दरों पर बिक्री की इजाजत देने के लिए तैयार है। 

शुरू में भारत 25-30 आइटम के साथ ब्रिटेन के साथ प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (PTA) करने के लिए भी उत्सुक है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन के साथ अटके वर्षो पुराने एफटीए को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सरकार ने ईयू से संपर्क किया है। अभी ईयू के बाजार में भारतीय टेक्सटाइल व अन्य आइटम को वियतनाम, बांग्लादेश, पाकिस्तान, थाइलैंड जैसे देशों से कड़ा मुकाबला करना पड़ता है। लेकिन एफटीए होने के बाद भारतीय माल यूरोप के बाजार में सस्ते हो जाएंगे जिससे निर्यात में इजाफा होगा। 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भारत खुले दिल से एफटीए को लेकर ईयू से बात करना चाहता है। लेकिन भारत किसी भी देश के साथ एफटीए के दौरान बराबरी की बातचीत चाहता है। भारत मुक्त व्यापार का विरोधी नहीं है।


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