Move to Jagran APP

बढ़ते संरक्षणवाद के बीच पड़ोसियों के साथ व्यापार बेहतर करे भारत: एचएसबीसी

एचएसबीसी का मानना है कि मौजूदा माहौल में भारत को अपने पड़ोसियों के साथ व्यापार बेहतर करने की जरूरत है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Mar 2018 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Mar 2018 02:52 PM (IST)
बढ़ते संरक्षणवाद के बीच पड़ोसियों के साथ व्यापार बेहतर करे भारत: एचएसबीसी
बढ़ते संरक्षणवाद के बीच पड़ोसियों के साथ व्यापार बेहतर करे भारत: एचएसबीसी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका में बढ़ते संरक्षणवादी माहौल के बीच भारत को खुद पर ज्यादा ध्यान देने और पड़ोसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार बढ़ाने की जरूरत है। यह बात एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में कही गई है।

loksabha election banner

एचएसबीसी के एक ग्लोबल सर्वे के मुताबिक, जो कि 26 बाजारों की 6,000 कंपनियों को कवर करती है, भारत के 10 में से 9 बिजनेस का ऐसा मानना है कि सरकारें तेजी से संरक्षणवादी रुख अपना रही हैं जो कि औसत से अधिक है। इस रिपोर्ट में कहा गया, “पड़ोसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापारिक हिस्सेदारी में इजाफा करना कुछ समय से भारत के एजेंडे में प्रमुख रहा है और पश्चिमी देशों में संरक्षणवाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।”

संरक्षणवाद की प्रवृत्ति में इजाफे से अंतरराष्ट्रीय व्यापार लागत में भी तेजी से इजाफा होता है। इससे व्यापार के रास्ते बदलने पड़ जाते हैं और व्यापार में फाइनेंसिंग एक बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे परिदृश्य में, व्यापार संबंधी पहलों को जिससे व्यापार संबंधी अवरोधों को कम करने की संभावनाएं बनती हैं को सकारात्मक रूप से देखा जाता है।

इसके अलावा, कंपनियां अपने क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के लिए, अधिक से अधिक बाजारों में संयुक्त उद्यम या स्थानीय सहायक इकाईयां स्थापित करने की रणनीतियां भी तैयार करने लग जाती हैं। साथ ही कंपनियां उपभोक्ता मांगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर पैसा निवेश करना शुरू कर देती हैं। गौरतलब है कि अमेरिका की ओर से स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद वर्ल्ड ट्रेड वॉर की संभावनाएं तेज हो गई थीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.