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मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में रहेगा 5.3 फीसद का संकुचन, अगले वित्त वर्ष में होगी ग्रोथ: India Ratings

मौजूदा वित्त वर्ष में तो देश की अर्थव्यवस्था में संकुचन होगा लेकिन अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था वापस सामान्य हो जाएगी और जीडीपी में पांच से छह फीसद की ग्रोथ दिखने लगेगी

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 03:56 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 07:58 PM (IST)
मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में रहेगा 5.3 फीसद का संकुचन, अगले वित्त वर्ष में होगी ग्रोथ: India Ratings
मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में रहेगा 5.3 फीसद का संकुचन, अगले वित्त वर्ष में होगी ग्रोथ: India Ratings

नई दिल्ली, पीटीआइ। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों की तरह ही इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ में संकुचन का अनुमान लगाया है। इंडिया रेंटिंग्स के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.3 फीसद संकुचन का अनुमान है। यह भारत के लिए अब तक की सबसे निचली जीडीपी ग्रोथ रेट होगी। इंडिया रेटिंग्स ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण उत्पादन काफी बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है।

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इंडिया रेटिंग्स ने रिपोर्ट में बताया कि महामारी के चलते आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार श्रृंखला टूट गई हैं, जिसके कारण मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पूरे साल की जीडीपी ग्रोथ में तो संकुचन का अनुमान है ही, साथ ही आने वाली सभी तिमाहियों में भी अर्थव्यवस्था नीचे जाएगी।

इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में तो देश की अर्थव्यवस्था में संकुचन होगा, लेकिन अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में अर्थव्यवस्था वापस सामान्य हो जाएगी और जीडीपी में पांच से छह फीसद की ग्रोथ दिखने लगेगी। रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में घरलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामान्य रहने के चलते देश की जीडीपी में ग्रोथ देखने को मिलेगी।

रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में बताया कि भारत के जीडीपी आंकड़े 1950-51 से उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 1957-58, 1965-66, 1966-67, 1972-73 और 1979-80 में भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई थी। इस तरह अब छठवीं बार भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।

आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 1979-80 में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सबसे खराब थी। तब देश की आर्थिक वृद्धि दर -5.2 फीसद दर्ज की गई थी। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के -5.3 फीसद रहने का अनुमान इंडिया रेटिंग्स ने बताया है।


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