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वर्ल्‍ड टैलेंट रैंकिंग में भारत छह स्थान फिसला, स्विटजरलैंड पहले स्‍थान पर बरकरार

IMD global talent ranking में भारत छह पायदान फिसलकर 59वें स्थान पर आ गया है। (Pic pixabay.com)

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 09:47 AM (IST)
वर्ल्‍ड टैलेंट रैंकिंग में भारत छह स्थान फिसला, स्विटजरलैंड पहले स्‍थान पर बरकरार
वर्ल्‍ड टैलेंट रैंकिंग में भारत छह स्थान फिसला, स्विटजरलैंड पहले स्‍थान पर बरकरार

नई दिल्ली, पीटीआइ। आइएमडी वर्ल्‍ड टैलेंट रैंकिंग में भारत छह पायदान फिसलकर 59वें स्थान पर आ गया है। निम्न गुणवत्तापूर्ण जीवन और शिक्षा पर कम खर्च सहित कुछ अन्य कारणों के चलते 63 देशों की इस सूची में भारत की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलेपमेंट (आइएमडी) द्वारा तैयार इस सूची में स्विट्जरलैंड फिर से प्रथम स्थान पर रहा है।

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वर्ल्‍ड टैलेंट रैंकिंग तीन प्रमुख श्रेणियों में किए गए प्रदर्शन को आधार बनाकर तैयार की जाती है। इनमें निवेश व विकास, आकर्षण और तैयारी शामिल हैं। इस रैंकिंग में भारत ब्रिक्स के अपने सहयोगी देशों से भी पिछड़ गया। सूची में ब्रिक्स के सदस्यों में चीन 42वें, रूस 47वें और दक्षिण अफ्रीका 50वें स्थान पर रहे।

आइएमडी के मुताबिक भारत में जीवन की गुणवत्ता और प्रतिभा पलायन जैसे मुद्दों पर बहुत कम काम हुए हैं। इन मामलों में भारत उन एशियाई देशों में शामिल है, जहां इस दिशा में प्रयासों का घोर अभाव दिखता है। भारत के अलावा चीन की रैंकिंग में भी तीन स्थान की गिरावट दर्ज की गई है। चीन की रैंकिंग में यह गिरावट शिक्षा पर खर्च में कमी, जीवन-यापन की लागत और प्रदूषण जैसे कारणों की वजह देखी गई है। एशिया के अन्य देशों में सिंगापुर सबसे ऊपर रहा। उसकी रैंकिंग में तीन स्थानों का सुधार हुआ है। पिछले वर्ष यह 13वें स्थान पर रहा था। 

वहीं हांगकांग 15वें, जबकि ताइवान 20वें स्थान पर रहा। आइएमडी बिजनेस स्कूल स्विट्जरलैंड और सिंगापुर के सीनियर इकोनॉमिस्ट जोस कैबेलरो ने रैंकिंग में गिरावट की कई वजहें हैं। इनमें प्रति विद्यार्थी शिक्षा पर किया जाने वाला खर्च और शिक्षा की गुणवत्ता जैसे मानक शामिल हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य प्रणाली और कार्यबल में महिलाओं की भागीदरी जैसे मानक भी बराबर का महत्व रखते हैं। कैबेलरो ने हाल के दिनों में भारत के बढ़े हुए प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि मेहनताना एक मुद्दा है, लेकिन जब यह दूसरे कारणों के साथ मिल जाता है तो देश के आकर्षण में कमी आती है। उनका इशारा प्रदूषण की ओर था।

ये रहे शीर्ष देश

टैलेंट के मामले में एक ओर जहां स्विट्जरलैंड पहला स्थान बनाए रखने में सफल रहा, वहीं यूरोप प्रतिस्पर्धा के मामले में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे रहा। इस सूची में दूसरा स्थान डेनमार्क और तीसरा स्वीडन को मिला। ऑस्टिया चौथे, लक्जम्बर्ग पांचवें, नॉर्वे छठे, आइसलैंड सातवें, फिनलैंड आठवें, नीदरलैंड्स नौवें और सिंगापुर 10वें स्थान पर रहा। इस सूची में शीर्ष सभी देशों ने शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में काफी अच्छा निवेश किया है।


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