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अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 50-60 लाख करोड़ रुपये के FDI की जरूरत : नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए मौजूदा हालात में देश में 50 से 60 लाख करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की जरूरत है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 07:34 AM (IST)
अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 50-60 लाख करोड़ रुपये के FDI की जरूरत : नितिन गडकरी
अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 50-60 लाख करोड़ रुपये के FDI की जरूरत : नितिन गडकरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 50 से 60 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की जरूरत होगी। यह निवेश मुख्य रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और एमएसएमई क्षेत्र में लाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस समय एफडीआइ समय की मांग है। इस तरह के फंड से देश को फायदा होगा क्योंकि बाजार में नकदी की जरूरत है। 

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कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां काफी हद तक बाधित हो गई हैं। सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने कहा, 'नकदी के बिना हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से आगे नहीं बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए मौजूदा हालात में देश में 50 से 60 लाख करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की जरूरत है।' 

उन्होंने कहा कि राजमार्ग, हवाई अड्डा, अंतर्देशीय जलमार्ग, रेलवे, लॉजिस्टिक पार्क, ब्रॉड गेज और मेट्रो सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आ सकता है। गडकरी ने कहा, 'एमएसएमई, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और बैंकों में एफडीआइ की जरूरत है। हम राजमार्ग क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने की कोशिश कर रहे हैं।' 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए दुबई और अमेरिका के निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, 'कुछ एमएसएमई पहले ही बीएसई में सूचीबद्ध हैं। मैंने दुबई और अमेरिका में निवेशकों से बात की है कि वे उनके तीन साल के कारोबार, जीएसटी ट्रैक रिकॉर्ड, आयकर रिकॉर्ड और अच्छी रेटिंग के आधार पर ऐसे एमएसएमई में निवेश करें। इनमें निवेश करके अच्छा फायदा पाया जा सकता है। हमें विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री का जोर आयात पर निर्भरता कम करने और निर्यात को बढ़ाने पर है। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।' 

गडकरी ने कहा कि मौजूदा हालात में पूरी दुनिया चुनौती का सामना कर रही है। इस स्थिति में इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने फंड जुटाने के लिए निजी सार्वजनिक भागीदारी (PPP) को भी बेहतर तरीका बताया।

टीयर-2 और टीयर-3 की ओर कदम बढ़ाएं उद्योग

गुरुग्राम के मानेसर में न्यू ग्लोबल इनोवेशन पार्क फैसिलिटी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि कंपनियों को मेट्रो के बजाय टीयर-2 व टीयर-3 वाले शहरों की ओर जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में औद्योगीकरण चरम पर पहुंच गया है। अब कंपनियां टीयर-2 व 3 वाले शहरों में जा सकती हैं, जहां पहले से ही कुशल श्रम उपलब्ध है।'


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