जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी 8 वर्षों में सबसे तेज, नए ऑर्डर्स और आउटपुट में हुई शानदार बढ़ोत्तरी
नए ऑर्डर और आउटपुट में मजबूत वृद्धि से यह संभव हो पाया है। सर्वे में बताया गया है कि अर्थव्यवस्था फिर से मजबूत हो रही है।
नई दिल्ली, रॉयटर्स। भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी जनवरी में लगभग आठ वर्षों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ी है, एक निजी सर्वे में सोमवार को यह जानकारी सामने आई। नए ऑर्डर और आउटपुट में मजबूत वृद्धि से यह संभव हो पाया है। सर्वे में बताया गया है कि अर्थव्यवस्था फिर से मजबूत हो रही है। बिक्री में बढ़ोत्तरी के बाद कारखानों ने बहुत तेजी से नए श्रमिकों को काम पर रखा है। यह सात साल में श्रमिकों को काम पर रखने की सबसे तेज गति है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने पिछले महीने अपने पोल में इस बात की जानकारी दी थी कि अगर यह लगातार ऐसी स्थिति में बना रहा तो आने वाले समय में आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल सकता है। बता दें कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में वृद्धि छह साल के निचले स्तर पर आ गई थी।
IHS मार्किट की ओर से कंपाइल्ड निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स ने पिछले महीने दिसंबर में 52.7 से जनवरी में 55.3 की छलांग लगाई। इससे खरीदारी बढ़ी। साथ ही उत्पादन और रोजगार में भी इजाफा देखने को मिला है। फर्मों ने अपने इन्वेंटरी, पुनर्निर्माण और नए व्यापार में और वृद्धि की उम्मीद में अपनी क्षमताओं का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
दिसंबर 2014 के बाद से मांग को ट्रैक करने वाला एक नया ऑर्डर सब-इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और उत्पादन साढ़े सात साल में सबसे तेज गति से आगे बढ़ा। जबकि, इस बीच इनपुट कॉस्ट और आउटपुट प्राइस दोनों में धीमी गति से वृद्धि हुई है। यह संकेत देता है कि दिसंबर में महंगाई दर लगभग पांच साल के उच्च स्तर 7.35% से कुल मिलाकर कम हुई है। हालांकि, यह भारतीय रिज़र्व बैंक के मध्यावधि के लक्ष्य 4 फीसद से शायद नीचे न हो।