Move to Jagran APP

एशिया में सर्वाधिक निवेश प्रेमी अर्थव्यवस्था भारत

भारत एशिया की सबसे अधिक निवेश प्रिय अर्थव्यवस्था है

By Pramod Kumar Edited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 08:53 AM (IST)
एशिया में सर्वाधिक निवेश प्रेमी अर्थव्यवस्था भारत
एशिया में सर्वाधिक निवेश प्रेमी अर्थव्यवस्था भारत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत एशिया की सबसे अधिक निवेश प्रिय अर्थव्यवस्था है। एक सर्वे में सामने आया है कि देश के उभरते धनाढ्य वर्ग की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने तथा सामाजिक गतिशीलता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के निवेश उत्पादों का उपयोग करती है।

loksabha election banner

एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व के 11,000 उभरते धनाढ्य उपभोक्ताओं पर किए अध्ययन में स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने पाया कि भारत में इस वर्ग में आने वाले 68 फीसद लोग अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निवेश उत्पादों का उपयोग करते हैं। इस मामले में सर्वे का औसत 57 फीसद है।

इस सर्वेक्षण में निश्चित आय निवेश, स्टॉक्स, इक्विटी, म्यूचुअल फंड, यूनिट ट्रस्ट, इन्वेस्टमेंट लिंक्ड इंश्योरेंस, सेल्फ इन्वेस्टेड पेंशन फंड, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआइटीएस) और रियल एस्टेट प्रोपर्टी फंड को निवेश उत्पाद माना गया है। अध्ययन के मुताबिक भारत के उभरते धनाढ्य उपभोक्ताओं के लिए पहला वित्तीय लक्ष्य है अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बचत करना। इस अध्ययन में शामिल किए अन्य बाजारों के लिए भी पहला वित्तीय लक्ष्य यही है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के भारत क्षेत्र के लिए रिटेल बैंकिंग प्रमुख श्यामल सक्सेना ने कहा कि यह देखना उत्साहवर्धक है कि उभरते धनाढ्य वर्ग के बीच सामाजिक गतिशीलता में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है।

वे शिक्षा, करियर और घर के मालिकाना हक के मामले में अपने माता-पिता से अधिक सफल हैं। ‘इमर्जिग एफ्लुएंट स्टडी 2018- क्लाइंबिंग द प्रोस्पैरिटी लैडर’ शीर्षक से प्रकाशित अध्ययन में उभरता धनाढ्य उपभोक्ता ऐसे व्यक्ति को माना गया है, जिनकी आमदनी इतनी ज्यादा है कि वे आराम से बचत व निवेश कर सकता है। इस अध्ययन में एशिया, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के 11 बाजारों को शामिल किया गया है।

भारतीय कंपनियों का वैश्विक निवेश 47 फीसद घटा

विदेश में भारतीय कंपनियों निवेश सितंबर 2018 में 47 फीसद घटकर 1.54 अरब डॉलर रहा। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक के आउटवार्ड फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ओएफडीआइ) से संबंधित आंकड़ों में कही गई। सितंबर 2017 में भारतीय कंपनियों ने विदेश में अपने संयुक्त उद्यमों (जेवी) और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाइयों में 2.91 अरब डॉलर निवेश किया था। अगस्त महीने में विदेशी कंपनियों में यह निवेश हालांकि महज 99.214 करोड़ डॉलर ही था। आरबीआइ के ताजा आंकड़े के मुताबिक भारतीय कंपनियों द्वारा सितंबर में विदेश में किए गए कुल निवेश में से 95.082 करोड़ डॉलर कर्ज के रूप में, 25.184 करोड़ डॉलर इक्विटी कैपिटल के रूप में और 35.208 करोड़ डॉलर इश्युएंस ऑफ गारंटी के रूप में थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.