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मध्य मई के बाद भी रहा लॉकडाउन, तो 41 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगी GDP ग्रोथ रेट: Ind-Ra

Indias GDP Growth in FY21 रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अगर लॉकडाउन मध्य मई के बाद भी जारी रहता है तो देश में 2.1 फीसद की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की जा सकती है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 03:35 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 06:54 AM (IST)
मध्य मई के बाद भी रहा लॉकडाउन, तो 41 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगी GDP ग्रोथ रेट: Ind-Ra
मध्य मई के बाद भी रहा लॉकडाउन, तो 41 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगी GDP ग्रोथ रेट: Ind-Ra

मुंबई, पीटीआइ। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के घटकर 1.9 फीसद पर रह जाने का अनुमान जाहिर किया है। रेटिंग एजेंसी ने कोविड-19 और अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ने वाले प्रभावों का हवाला देते हुए आर्थिक वृद्धि के अपने पूर्व के अनुमान में संशोधन किया है। रेटिंग एजेंसी के अनुमान के मुताबिक अगर विकास दर घटकर 1.9 फीसद पर आ जाती है तो यह 29 साल का सबसे निचला स्तर होगा। रेटिंग एजेंसी ने यह मानकर विकास दर के अनुमान में संशोधन किया है कि आंशिक लॉकडाउन मई के मध्य तक चलेगा। हालांकि, Ind-Ra का कहना है कि अगर लॉकडाउन मध्य मई के बाद भी जारी रहता है तो देश में 2.1 फीसद की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की जा सकती है।

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Ind-Ra के मुख्य अर्थशास्त्री और पब्लिक फाइनेंस डिपार्टमेंट के निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ''हमने वित्त वर्ष 2020-21 में देश के विकास दर के अनुमान को 3.6 फीसद से घटाकर 1.9 फीसद कर दिया है।'' 

रेटिंग एजेंसी ने 30 मार्च, 2020 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में भारत के विकास दर के 3.6 फीसद पर रहने की संभावना जाहिर की थी।  

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 1991-92 में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार महज 1.1 फीसद पर रही थी।

सिन्हा ने कहा, ''हालांकि, अगर लॉकडाउन मध्य मई 2020 के बाद भी जारी रहता है और धीमी रिकवरी जून, 2020 के आखिर से शुरू होती है तो जीडीपी वृद्धि की रफ्तार -2.5 (निगेटिव) तक लुढ़क सकती है, जो 41 साल का निचला स्तर होगा।''

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 1951-52 के बाद अब तक मात्र छह मौकों पर जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक रही है। 

उल्लेखनीय है कि कोरोनवायरस महामारी की वजह से कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू एजेंसियां वित्त वर्ष 2020-21 में देश के आर्थिक विकास के अनुमान को उल्लेखनीय रूप से घटा चुकी हैं। 


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