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अप्रैल से जनवरी के बीच बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 121.5 फीसद हुआ राजकोषीय घाटा

मंगलवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 के बीच भारत का राजकोषीय घाटा 7.7 लाख करोड़ रुपये रहा है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 05:08 PM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 01:49 PM (IST)
अप्रैल से जनवरी के बीच बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 121.5 फीसद हुआ राजकोषीय घाटा
अप्रैल से जनवरी के बीच बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 121.5 फीसद हुआ राजकोषीय घाटा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल से जनवरी के बीच चालू वित्त वर्ष के लिए तय किए गए बजटीय लक्ष्य के मुकाबले 121.5 फीसद रहा है।

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मंगलवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 के बीच भारत का राजकोषीय घाटा 7.7 लाख करोड़ रुपये रहा है।

घाटे में हुई बढ़ोतरी की वजह टैक्स संग्रह में आई कमी है। सरकार के खर्च और आय के बीच का अंतर राजकोषीय घाटा होता है। जनवरी 2018 में यह आंकड़ा 113.7 फीसद था।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के मुकाबले 3.3 फीसद यानी 6.24 लाख करोड़ रुपये के घाटे का लक्ष्य रखा था। हालांकि अंतरिम बजट 2019-20 में इसे बढ़ाकर 3.4 फीसद कर दिया गया। सरकार ने छोटे किसानों की आय योजना की फंडिंग के लिए अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया, जिसके बाद इसे बढ़ाना पड़ा।

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2018-19 तक सरकार को 11.81 लाख रुपये की आमदनी हुई है, जो संशोधित अनुमान का 68.3 फीसद है। पिछले वित्त वर्ष में यह 72.8 फीसद रहा था।

संशोधित अनुमान के मुताबिक सरकार को चालू वित्त वर्ष में 17.29 लाख करोड़ रुपये की राजस्व आय का अनुमान है।

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