कोरोना कवर में भारत भी पीछे नहीं, अब तक दिया जीडीपी का 4.3 फीसद का पैकेज
RBI और सरकार की तरफ से 9 लाख करोड़ से अधिक के वित्तीय पैकेज की घोषणा की जा चुकी है जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की लगभग 4.3 फीसद है।
नई दिल्ली, राजीव कुमार। कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बूस्टर डोज देने में भारत भी पीछे नहीं है। फरवरी से लेकर अब तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) और सरकार की तरफ से 9 लाख करोड़ से अधिक के वित्तीय पैकेज की घोषणा की जा चुकी है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की लगभग 4.3 फीसद है।गत शुक्रवार को कोविड19 से प्रभावित वित्तीय व्यवस्था को बचाने के लिए आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास को आगे आना पड़ा था। उन्होंने गत शुक्रवार को बाजार में नकदी के प्रवाह को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के माध्यम से 3.74 लाख करोड़ के बूस्टर डोज का एलान किया था।
गत शुक्रवार को दास ने कहा था कि आरबीआइ फरवरी माह में भी अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने से लिए 2.8 लाख करोड़ की नकदी का डोज दिया था और दोनों को जोड़ कर यह बूस्टर डोज हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 फीसद है। फरवरी और मार्च महीने में आरबीआइ की तरफ से 6.54 लाख करोड़ का पैकेज दिया जा चुका है। वैश्विक महामारी कोरोना संकट का असर फरवरी माह से हमारी अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा था। फरवरी माह से ही शेयर बाजार और औद्योगिक जगत की स्थिति प्रभावित होने लगी थी जिसे उबारने के लिए आरबीआइ आगे आया था।
आरबीआइ के 6.54 लाख करोड़ के अलावा सरकार की तरफ से पिछले 15 दिनों में 2.47 लाख करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज का एलान किया जा चुका है जो जीडीपी का लगभग 1.1 फीसद है। अगर आरबीआइ और सरकार के पिछले 15 दिनों पैकेज को जोड़ दिया जाए तो कुल पैकेज जीडीपी का 4.3 फीसद हो जाता है और दोनों मिलाकर कुल वित्तीय पैकेज 9.01 लाख करोड़ का हो जाता है।
पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना पैकेज के नाम पर 1.7 लाख करोड़ की वित्तीय मदद की घोषणा की थी। वहीं गत 24 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर 15,000 करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया गया था। उससे पहले बल्क दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार की तरफ से 62,000 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की गई थी। इस प्रकार यह तीन पैकेज 2.47 लाख करोड़ रुपए का होता है जो कि जीडीपी का लगभग 1.1 फीसद है।
हालांकि, वित्त मंत्री की तरफ से घोषित 1.7 लाख करोड़ के पैकेज में कुछ मदों का भार राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा। इनमें राशन की दुकान से मिलने वाले अनाज का लगभग 45,000 करोड़ का खर्च भी शामिल है। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री की तरफ से घोषित 1.7 लाख करोड़ के पैकेज में से केंद्र सरकार को 73,000 करोड़ का वहन करना होगा।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना कवर के नाम पर उत्तर प्रदेश, केरल व अन्य राज्यों के पैकेज को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा देश के जीडीपी का 5 फीसद से अधिक हो जाएगा। कोरोना से वित्तीय व्यवस्था को कवर देने के लिए अमेरिका ने 2.2 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की है जो अमेरिका के जीडीपी का लगभग 10 फीसद है। ब्रिटेन ने 330 अरब पौंड के पैकेज का एलान किया है जो ब्रिटेन के जीडीपी के 15 फीसद के बराबर है।