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भारत ने चीन-पाक आर्थिक गलियारा पर जताई चिंता

भारत ने सोमवार को गुलाम कश्मीर होकर पाकिस्तान तक आर्थिक गलियारा (इकोनॉमिक कोरीडोर) बनाने की चीन की अरबों डॉलर की योजना पर उससे अपनी चिंता का इजहार किया। हालांकि, भारत ने चीन को द्विपक्षीय रणनीतिक रिश्ते को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता का भरोसा भी दिया। भारत और चीन दोनों देशों के शीर्ष रा

By Edited By: Published: Tue, 15 Apr 2014 02:04 AM (IST)Updated: Tue, 15 Apr 2014 02:05 AM (IST)
भारत ने चीन-पाक आर्थिक गलियारा पर जताई चिंता

बीजिंग। भारत ने सोमवार को गुलाम कश्मीर होकर पाकिस्तान तक आर्थिक गलियारा (इकोनॉमिक कोरीडोर) बनाने की चीन की अरबों डॉलर की योजना पर उससे अपनी चिंता का इजहार किया। हालांकि, भारत ने चीन को द्विपक्षीय रणनीतिक रिश्ते को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता का भरोसा भी दिया। भारत और चीन दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों के बीच यहां वार्षिक रणनीतिक वार्ता हुई।

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बातचीत के दौरान दोनों देशों ने आपसी विश्वास व एक-दूसरे की चिंताओं और आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित द्विपक्षीय रिश्ते को मजबूत बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का भरोसा दिया।

भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अपने चीनी समकक्ष उप विदेश मंत्री लिउ झेमिन के साथ छठे दौर की सामरिक वार्ता की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। दोनों देशों के बीच यह बैठक दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में नई सरकार चुनने के लिए जारी चुनावी प्रक्रिया के बीच हुई। सुजाता सिंह ने वार्ता की शुरुआत करते हुए कहा, आज मेरा यह दौरा चीन की सरकार को यह बताने के लिए है कि चीन के साथ अपने रिश्ते को भारत सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। शांति और समृद्धि के लिए सामरिक व सहयोगात्मक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमारी दूरदर्शिता का मूल तत्व पड़ोसी देशों के साथ आपसी विश्वास व समझ पर आधारित अच्छे संबंध हैं, जहां हम एक-दूसरे की चिंताओं और उम्मीदों के प्रति संवेदनशील हों।

उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री समय-समय पर कहते रहे हैं कि भारत और चीन के विकास की उम्मीदों को पूरा करने के लिए विश्व में पर्याप्त जगह मौजूद है। यह कहते हुए कि सामरिक वार्ता साल भर से भी कम समय में आयोजित की जाती है। उन्होंने लिउ को बताया, यह इस तथ्य का प्रतीक है कि हमारे बीच बातचीत बढ़ रही है और रिश्ते मजबूत हो रहे हैं।' लिउ ने भारत के आम चुनाव को बहुत महत्वपूर्ण बताया। चीन ने भरोसा जताया है कि चुनाव बाद भारत में जो दल सत्ता में आएगा चीन से मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। सुजाता सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच सोमवार को करीब साढ़े तीन घंटे तक बातचीत हुई।

पढ़ें : भारत-चीन ने मजबूत रिश्ते की प्रतिबद्धता जताई


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