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चीन का कड़ा प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहा भारत, TikTok बन सकती है अमेरिकी कंपनी: ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार

ट्रंप के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि प्रतिबंध से बचने के लिए Tik Tok चीन से नाता तोड़ सकती है। यह जल्द ही एक स्वतंत्र अमेरिकी कंपनी के रूप में काम करती नजर आएगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 07:25 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 12:28 PM (IST)
चीन का कड़ा प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहा भारत, TikTok बन सकती है अमेरिकी कंपनी: ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार
चीन का कड़ा प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहा भारत, TikTok बन सकती है अमेरिकी कंपनी: ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि चीन की तुलना में भारत एक बड़ा प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नई दिल्ली द्वारा की गई कारपोरेट टैक्स में कटौती से निवेशक भारत के प्रति आकर्षित होंगे। बता दें कि पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था। जबकि मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी नई कंपनियों के लिए यह दर 25 फीसद से घटाकर 15 फीसद कर दी गई थी।

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गुरुवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आर्थिक परिषद के प्रमुख लैरी कुडलो ने कहा, 'लोगों का चीन पर भरोसा खत्म हो रहा है और भारत उसका कड़ा प्रतिस्पर्धी बनकर उभर रहा है। अगर मैं गलत नहीं हूं, तो भारत ने कॉरपोरेट टैक्स में भी कटौती की है। इससे वह एक बहुत आकर्षक निवेश स्थान बन सकता है।' कुडलो ने कहा कि जब वह 18 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो उन्होंने कारपोरेट टैक्स में कटौती की सिफारिश की थी।

इससे पहले जब उनसे अमेरिका की तकनीकी और ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा 17.5 अरब डॉलर (एक लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) के निवेश पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'दुर्भाग्य से भारत एक बहुत संरक्षणवादी देश और मैं सिर्फ उन्हें शुभकामनाएं दे सकता हूं।' हालांकि ट्रंप के 'अमेरिका फ‌र्स्ट' अभियान और मैन्युफैक्चरिंग वापस लाने के प्रयासों के बीच उन्होंने यह संकेत जरूर दिया कि वह उन कंपनियों द्वारा भारत में निवेश के विरोधी नहीं हैं।

चीन के प्रति अमेरिकी व्यापार का दृष्टिकोण बदला

कुडलो ने कहा ने कहा कि महामारी के चलते अमेरिकी व्यापार का चीन के प्रति दृष्टिकोण बदला है। अमेरिका अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सम्मान करता है। कुछ महान अमेरिकी कंपनियां हैं, जिनका अत्यधिक काम देश से संचालित होता है। चीन से जो अमेरिकी कंपनियां बाहर जा रही हैं, उनमें प्रौद्योगिकी, दवा या दवा आपूर्ति चेन जैसी कंपनियां हैं। हमें कई योजनाओं के बारे में पता है।

टिक टॉक बन सकती है अमेरिकी कंपनी

ट्रंप के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि प्रतिबंध से बचने के लिए टिक टॉक चीन से नाता तोड़ सकती है। यह जल्द ही एक स्वतंत्र अमेरिकी कंपनी के रूप में काम करती नजर आएगी। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के रवैये को देखते हुए भारत ने टिक टॉक समेत 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कुडलो ने कहा कि अभी अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। ज्यादा अच्छा यही होगा कि अगर उसे प्रतिबंध से बचना है तो उसे पैरेंट कंपनी बाइट डांस से अलग होना होगा। कुडलो ने कहा कि भविष्य में इसकी सभी सेवाएं अमेरिका से संचालित होंगी और 100 फीसद अमेरिकी कंपनी बन जाएगी। अगर यह 100 फीसद अमेरिकी कंपनी बन जाती है तो भारत को भी प्रतिबंध पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।

व्यापार और प्रौद्योगिकी कौशल में चीन से आगे है भारत

दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निग प्लेटफार्म कोर्सइरा ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपनी बढ़ती युवा आबादी के चलते व्यापार और प्रौद्योगिकी कौशल में चीन से आगे है। अपने नवीनतम ग्लोबल स्किल इंडेक्स 2020 में कहा कि भारत व्यापार क्षेत्र में 34 वें स्थान पर है जबकि चीन 45 वें स्थान पर है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बात करें तो भारत का विश्व में 40वां स्थान है जबकि चीन 50 वें स्थान पर है।


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