चीन को फिर पछाड़ सबसे तेज ग्रोथ वाली अर्थव्यवस्था बना भारत
सीएसओ के मुताबिक, 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 फीसद रही जो बीते पौने दो साल में सर्वाधिक है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत ने सबसे तेज ग्रोथ वाली अर्थव्यवस्था के अपने रुतबे को बरकरार रखा है। अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान 7.2 फीसद की जीडीपी ग्रोथ से बढ़ने वाले भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2017-18 की आखिरी तिमाही में 7.7 फीसद रही है। ग्रोथ के मामले में भारत ने एक बार फिर से चीन को पछाड़ा है। गौरतलब है कि जनवरी-मार्च (2017-18) तिमाही के जीडीपी आंकड़े गुरुवार को ही जारी किए गए हैं। ये आंकड़े केंद्रीय सांख्यिकी विभाग जारी करता है।
मार्च तिमाही में भारत फिर हुआ चीन से आगे: मार्च तिमाही में भारत ग्रोथ के मामले में एक बार फिर से चीन से आगे हो गया है। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में जहां एक ओर भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.7 फीसद रही है वहीं चीन की ग्रोथ 6.8 फीसद ही रही है। बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसद रही थी जो कि बीती पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा रही। इसके साथ ही भारत की विकास दर एक बार दुनिया में सबसे तेज हो गई थी। इस तिमाही में चीन की विकास दर 6.8 फीसद रही थी।
जनवरी मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ: नोटबंदी और जीएसटी के बाद अर्थव्यवस्था फिर तेज रफ्तार पर आ गई है। वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही यानी जनवरी-मार्च में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन की बदौलत देश की विकास दर बढ़कर 7.7 फीसद हो गई है, जो बीती सात तिमाही यानी करीब पौने दो साल में सबसे तेज है। जीडीपी की तिमाही वृद्धि दर नोटबंदी से पहले की तिमाही की रफ्तार से भी अधिक है। खास बात यह है कि कई तिमाहियों से सुस्त पड़ी निवेश की रफ्तार भी अब बढ़ने लगी है। ऐतिहासिक परोक्ष कर सुधार जीएसटी लागू होने के बाद मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर लगातार बढ़ रही है। पहले ही विकास की रफ्तार में भारत से पिछड़ गए चीन की दर जनवरी-मार्च तिमाही में 6.8 फीसद ही रही।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने गुरुवार को 2017-18 की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी किए। 2017-18 में पूरे साल के दौरान देश की जीडीपी 130.11 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2016-17 की तुलना में 6.7 फीसद अधिक है। सीएसओ ने इससे पहले 28 फरवरी को 2017-18 के पूर्वानुमान जारी किए थे जिसमें उसने विकास दर 6.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन चौथी तिमाही में यह आंकड़ा बढ़कर 6.7 फीसद हो गया। सीएसओ के मुताबिक, 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 फीसद रही जो बीते पौने दो साल में सर्वाधिक है। 2016-17 की चौथी तिमाही में विकास दर 6.1 फीसद थी। 2017-18 की अंतिम तिमाही में जीडीपी वृद्धि में उछाल आने की मुख्य वजह कृषि (4.5 फीसद), मैन्यूफैक्चरिंग (9.1 फीसद) और कंस्ट्रक्शन (11.5 फीसद) का शानदार प्रदर्शन है। मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर पौने दो साल बाद इस स्तर पर आई है।