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लद्दाख में तनाव के बीच 2021 में भारत-चीन व्यापार रिकॉर्ड 125 अरब डॉलर रहा

इसके मुताबिक जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2021 के दौरान भारत को चीन से किया गया निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसकी तुलना में भारत से चीन का आयात 34.2 फीसदी बढ़कर 28.14 अरब डॉलर हो गया

By NiteshEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 07:40 PM (IST)
लद्दाख में तनाव के बीच 2021 में भारत-चीन व्यापार रिकॉर्ड 125 अरब डॉलर रहा
India China trade grows to record USD 125 billion in 2021 despite tensions in eastern Ladakh

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर बने तनाव का द्विपक्षीय व्यापार पर किसी भी तरह का असर नहीं देखा गया और वर्ष 2021 में दोनों देशों का व्यापार 125 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान भारत का व्यापार घाटा भी बढ़कर 69 अरब डॉलर हो गया। शुक्रवार को प्रकाशित व्यापार आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में चीन का भारत के साथ कुल व्यापार 125.66 अरब डॉलर रहा जो वर्ष 2020 की तुलना में 43.3 फीसदी अधिक है। ग्लोबल टाइम्स ने चीन के सीमा-शुल्क विभाग के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।

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इसके मुताबिक, जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2021 के दौरान भारत को चीन से किया गया निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसकी तुलना में भारत से चीन का आयात 34.2 फीसदी बढ़कर 28.14 अरब डॉलर हो गया। इस तरह एक बार फिर व्यापार संतुलन चीन के पक्ष में झुका रहा और भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 69.38 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

भारत पहले भी चीन के समक्ष बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर अपनी आपत्तियां जताता रहा है। भारत की मांग है कि चीन अपने बाजार के दरवाजे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं फार्मा कंपनियों के लिए खोले। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2021 में चीन से भारत के आयात में हुई वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा चिकित्सा उपकरणों एवं दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का था। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को बड़े पैमाने पर चिकित्सा उपकरणों की जरूरत पड़ी। भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हुई यह वृद्धि इस लिहाज से भी अहम है कि दोनों देश इसी अवधि में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर काफी तनावपूर्ण हालात में उलझे रहे। अब भी दोनों देशों की सेनाएं अत्यधिक सतर्क स्थिति में हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बने इस तनाव को कम करने के लिए भारत एवं चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।


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